28 लाख के इनामी 9 नक्सलियों सहित कुल 19 ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक बार फिर लाल आतंक को बड़ा झटका लगा है। 16 लाख के इनामी नक्सली दंपति और 29 लाख के इनामी नक्सली सहित 19 नक्सलियों ने नक्सलपंथ से तौबा करते हुए आतंक के रास्ता को छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से 8-8 लाख के इनामी पति-पत्नी समेत 29 लाख के 10 इनामी सहित 19 नक्सली शामिल हैं। नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर सीएम ने सुरक्षाबलों को बधाई दी और कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति के कारण नक्सली हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।

बता दें इस वर्ष अब तक 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटे है। वहीं 137 नक्सली गिरफ्तार किये गए हैं जबकि 56 नक्सली मुठभेड़ में मारे गये हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान व सरकार की पुनर्वास व आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 8 लाख के इनामी देवा पदम और आठ लाख की इनामी दुले कलमु ये दोनों पति-पत्नी हैं ने सरेंडर किया है। इसके साथ ही पांच लाख के इनामी एसीएम सुरेश कट्टाम, दो लाख की इनामी सोनी पुनेम, एक लाख के इनामी नारायण कट्टाम, एक लाख के इनामी अन्दा माड़वी, एक लाख के इनामी बामी कुहरामी ने सरेंडर किया है। इसके अलवा नागा कटटम, शंकर कड़ती, मुन्ना पोड़ियाम, सहला वाम, नरसिंह राम पोड़ियाम, शंकर माड़वी, लखमा ताती, पाण्डू माड़वी, जोगा सोड़ी, पिड़गा कटटम, एर्रा सोढ़ी और चिन्नाबी काका ने सरेंडर किया है।
बस्तर को नक्सलमुक्त करने सरकार उठा रही हरसंभव कदम
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर जिले में 28 लाख रुपए के इनामी 9 नक्सलियों सहित कुल 19 नक्सलियों के सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता छोड़ने पर सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने सुरक्षाबलों के मनोबल को लगातार ऊंचा बनाए रखने और बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण और विकसित भविष्य की ओर एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025 का सकारात्मक प्रभाव दिखने लगा है।
मार्च 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कैंसर रूपी नक्सलवाद के ताबूत पर आखिरी कील ठोंकने का काम हमारी डबल इंजन की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के कुचक्र में फंसे लोग अब पुनः समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं, जो स्वागतयोग्य है। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा तय है।
सरकार की प्रभावी रणनीति – लोगों का बढ़ा विश्वास
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में राज्य सरकार द्वारा लगातार सुरक्षा कैंप स्थापित करने, नियद नेल्ला नार योजना के तहत सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से लोगों का सरकार पर विश्वास बढ़ा है। इसी विश्वास के चलते नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं और नक्सली मुख्यधारा में लौटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार, नक्सलवाद का दामन छोड़ मुख्य धारा में लौटने वाले लोगों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूरी तरह तत्पर है।
एसपी यादव ने की नक्सलियों से अपील
पुलिस अधीक्षक डॉ जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से अपील की है कि वे सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। उन्होंने बताया है कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले फायदों ने कई नक्सलियों को आकर्षित किया है। नक्सलियों के घर वाले भी उन्हें वापस लाना चाहते हैं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की है कि वे बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकले और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों, जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।
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