महाकुंभ 2025 के तहत माघ पूर्णिमा स्नान के बाद संगम घाटों की सफाई को लेकर मेला प्रशासन ने अपनी तत्परता का फिर से परिचय दिया. स्नान पर्व समाप्त होते ही सफाईकर्मियों की टीम ने बड़े स्तर पर सफाई अभियान शुरू किया, जिससे रातों-रात संगम घाट फिर से स्वच्छ और सुंदर नजर आने लगे.बुधवार को माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान घाटों पर फूल, माला, कपड़े, प्रसाद और अन्य वस्तुएं छोड़ दी गईं. इसके अलावा, शौचालयों का भी बड़े स्तर पर उपयोग हुआ. मेला प्रशासन ने भीड़ कम होते ही सफाई अभियान तेज कर दिया और सुबह तक संगम घाटों को एक बार फिर साफ-सुथरा बना दिया.
सफाई अभियान को प्रभावी बनाने के लिए विशेष सफाई वाहनों का इस्तेमाल किया गया. श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए ठोस कचरे को तुरंत उठाया गया, और घाटों व मेला क्षेत्र से मालवाहक गाड़ियों की मदद से कचरा हटाया गया. इसके अलावा, सभी शौचालयों में सेसपूल ऑपरेशन चलाया गया, ताकि पूरी तरह से स्वच्छता सुनिश्चित हो सके.
सड़कों और डस्टबिन की भी हुई सफाई
सैनिटेशन प्रभारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि सभी सड़कों पर झाड़ू लगाकर सफाई की गई. साथ ही, मेला क्षेत्र में लगे डस्टबिन और लाइनर बैग्स को टीपर और कॉम्पैक्टर की मदद से खाली कराया गया. प्रशासन का कहना है कि स्वच्छ महाकुंभ अभियान के तहत रोजाना सफाई की जा रही है, लेकिन स्नान पर्वों पर इसे तेज किया जाता है ताकि श्रद्धालुओं को अगले दिन भी स्वच्छ और पवित्र वातावरण मिले.
श्रद्धालुओं ने जताया आभार
मेला प्रशासन की इस मुहिम से श्रद्धालु बेहद खुश नजर आए. कई लोगों ने प्रशासन और योगी सरकार की तत्परता की सराहना की. एक श्रद्धालु ने कहा, “स्वच्छता को लेकर प्रशासन की प्रतिबद्धता दिखाती है कि महाकुंभ 2025 को साफ-सुथरा और व्यवस्थित बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.”