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आलू-टमाटर नहीं….इस खेती से किसान बन गया लखपति, 4 गुना अधिक कमा रहा मुनाफा

आलू-टमाटर नहीं….इस खेती से किसान बन गया लखपति, 4 गुना अधिक कमा रहा मुनाफाकन्नौज. कन्नौज में किसान ने आलू की पारंपरिक खेती को छोड़कर ब्रोकली की खेती की. जिससे किसान को अपनी लागत का करीब 4 गुना ज्यादा फायदा हुआ, लेकिन इसके पीछे किसान की कड़ी मेहनत भी थी. पहली बार जब किसान ने ब्रोकली की खेती की तो उसको बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा था. जिसमें कारण खराब बीज और कुछ तकनीकी समस्या बनी थी, लेकिन किसान ने हार नहीं मानी और दोबारा फिर ब्रोकली की खेती की. जिसके बाद उसका नुकसान आधे से लगभग कवर हो गया. अपनी फसल को देखकर किसान भी मुस्करा उठा. ब्रोकली का एक फूल जिसका साइज गोभी के फूल से कई गुना बड़ा फसल में हुआ, जिससे किसान को उसका अच्छा रेट भी मिला.

कैसे करें ब्रोकली खेती

ब्रोकली की खेती के लिए रेतीली और गाद वाली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए. ब्रोकली की खेती के लिए ज़मीन को 3-4 बार जुताएं. ज़मीन में 25-30 टन/हेक्टेयर कम्पोस्ट या अच्छी तरह सड़ी हुई खाद डालें. ब्रोकली की नर्सरी तैयार करने के बाद 4 से 6 हफ़्तों बाद पौधों को खेत में रोपें. पौधों को रोपते समय पंक्तियों के बीच 45 से 60 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 45 सेंटीमीटर की दूरी रखें. रोपने के बाद पौधों को हल्का पानी दें, ब्रोकली को ठंडा मौसम पसंद है, लेकिन इसे रोज़ाना 5-6 घंटे धूप की ज़रूरत होती है. ब्रोकली की कटाई शाम के समय कैंची या चाकू से करें.पहली बार हुआ नुकसान फिर हुआ कई गुना फायदा

किसान ने जब पहली बार ब्रोकली की खेती की, तो किन्हीं कारणवश उसको नुकसान उठाना पड़ गया, लेकिन किसान ने फिर भी हार नहीं मानी और दोबारा फिर ब्रोकली की खेती की जिसमें एक एकड़ में उसकी लागत लाख रुपए के आसपास आई, लेकिन उसका शुद्ध मुनाफा चार लाख से ऊपर निकल गया.क्या बोले किसान

किसान शिवानंद राजपूत बताते हैं कि बीज की समस्या के चलते मुझे पहले ब्रोकली की खेती में नुकसान हुआ था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और दोबारा फिर इसकी खेती की. इसके बाद अच्छे से पौध तैयार किए. उसके बाद पौध को खेतों में इसकी रोपाई की. कृषि अधिकारियों के संपर्क में रहा .फसल का हर तरह से ध्यान रखा. इस बार अच्छी फसल आई और मुनाफा भी बहुत अच्छा हुआ है. साधारण तौर पर यह एक ब्रॉकली का फूल 50 से 80 रुपए तक बिक जाता है. बस किसान भाई पौध को तैयार करने से लेकर रोपाई तक फसल का ध्यान रखें. अच्छी जगह से बीज लें, जिसके बाद इस फसल मे लाभ ही लाभ मिलता है.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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