सोलापुर: आजकल किसान अपने खेतों में अलग-अलग प्रयोग कर रहे हैं. जैविक खेती करने से निश्चित रूप से फायदा होता है. सोलापुर जिले के मोहोल तालुका के शेज बाभूळगाव गांव के किसान शशिकांत पुदे ने यह साबित कर दिखाया है. 21 साल पहले उन्होंने 60 चीकू के पेड़ों की जैविक तरीके से खेती शुरू की थी. आज हर साल चीकू की बिक्री से शशिकांत पुदे को 5 से 7 लाख रुपये तक की कमाई हो रही है.अब तक 25 से 30 लाख रुपये की कमाई हो चुकी
बता दें कि मोहोल तालुका के शेज बाभूलगाव गांव के किसान शशिकांत पुदे ने 21 साल पहले 60 चीकू के पेड़ों की जैविक तरीके से खेती शुरू की थी. पुदे ने कालीपत्ती किस्म के चीकू की खेती की है. एक चीकू के पेड़ से 500 से 600 किलो उत्पादन हो रहा है. चीकू की खेती से 5 से 7 लाख रुपये की कमाई हो रही है. एक बार लगाए गए जैविक चीकू के माध्यम से शशिकांत पुदे को अब तक 25 से 30 लाख रुपये की कमाई हो चुकी है.
गायों की एक गौशाला भी बनाई है
इसके अलावा, शेज बाभूलगाव के शशिकांत पुदे ने काजली खिलार गायों की एक गौशाला भी बनाई है. उनकी गौशाला में उच्च गुणवत्ता वाली दूध देने वाली गायें और बैल हैं. बाजार की मांग को देखते हुए उन्होंने दूध बिक्री के साथ-साथ घी उत्पादन पर भी ध्यान दिया है. इसके साथ ही राज्यभर से बछड़ों और बैलों की अच्छी मांग है. शशिकांत पुदे काजू, चीकू, अमरूद और आम के उत्पादक प्रयोगशील किसान हैं.
राज्य सरकार का उद्यानपंडित पुरस्कार भी मिला
बता दें कि हाल ही में उन्हें राज्य सरकार का उद्यानपंडित पुरस्कार भी मिला है. उनके पास देशी गायों का गोठा विरासत में मिला है. खेती के विकास के साथ-साथ उन्होंने काजली खिलार गायों की संख्या भी बढ़ाई है.