हिंदू धर्म में माघ महीने की मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने से बहुत पुण्य मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में होते हैं, जिससे इनकी सकारात्मक ऊर्जा और बढ़ जाती है। इसी कारण इस दिन किए गए अच्छे कामों का फल भी कई गुना मिलता है। इस दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी होगा। लिहाजा इस दिन किए जाने वाले स्नान-दान का महत्व और बढ़ गया है। इसके अलावा अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध भी करने का विधान है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पूर्वज धरती पर आते हैं।
आपको बता दें कि इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ रही है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, धर्म शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिन्हें इस शुभ दिन पर करने से आपको बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इन कार्यों को करने से जातक को अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए।मौनी अमावस्या के दिन मांस, मछली और शराब जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये चीजें पितरों को नाराज कर सकती हैं। इसलिए इस दिन इन चीजों से दूर रहें। अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों या किसी और के लिए गलत बातें न कहें। यह पितरों की नाराजगी का कारण बन सकता है। इस दिन कुत्ते, गाय और कौवे जैसे जानवरों को कष्ट देना अशुभ माना जाता है। इस दिन घर और आसपास सफाई रखें। क्योंकि गंदगी फैलाने से नकारात्मक ऊर्जा आती है।
मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र, तिल और चावल का दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर खुश होते हैं। इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर यह संभव न हो, तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें। इस दिन गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन खिलाना शुभ माना जाता है। यह पितरों को प्रसन्न करता है। मौनी अमावस्या के दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में तेल का दीया जलाएं। यह दिशा पितरों की मानी जाती है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने से पितरों की कृपा मिलती है। साथ ही सुख- समृद्धि का वास बना रहता है।
मौनी अमावस्या का महत्व (Mauni Amavasya Importance)
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह आत्मशुद्धि का दिन है। मान्यता है कि इस दिन मौन रहने और ध्यान करने से मन को शांति मिलती है। इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन दान और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।