छत्तीसगढ़ को एक और नये IAS मिल गये हैं। 2020 बैच के IAS कॉमन कैडर नियम के तहत छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। दरअसल 2020 बैच के अफसर मुकुंद ठाकुर की शादी 2023 बैच की छत्तीसगढ़ कैडर की IAS नम्रता चौबे से हुई है। जिसके बाद रिअलॉटमेंट विवाहोपरांत कॉमन कैडर नियम के तहत मुंकुंद ठाकुर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं।जानकारी के मुताबिक नम्रता अभी महासमुंद जिले के सरायपाली में पदस्थ हैं। मुकुंद ठाकुर ने छत्तीसगढ़ आने के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। जल्द ही वो छत्तीसगढ़ में ज्वाइन कर सकते हैं।आपको बता दें कि अरसे बाद कोई आईएएस कैडर बदलकर छत्तीसगढ़ आया है, हालांकि इससे उलट छत्तीसगढ़ से कैडर बदलकर कई आईएएस दूसरे प्रदेश जरूर गये हैं। अभी तक 2020 बैच के छत्तीसगढ़ में 7 आईएएस थे, लेकिन मुकुंद ठाकुर के छत्तीसगढ़ आने पर इस बैच में कुल 8 आईएएस हो जायेंगे।
कौन हैं IAS मुकुंद ठाकुर Mukund Thakur Biography In Hindi
2020 बैच के IAS मुकुंद ठाकुर मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। उनका जन्म बिहार के मधुबनी में हुआ। हालांकि उनका सपना सेना में जाने का था, लेकिन सेना में मेडिकली अनफिट करार दिये जाने के बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और फिर IAS बने। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी सी इंग्लिश आनर्स कियाहै। 2019 UPSC की परीक्षा में उन्हें आल इंडिया रैंक 54 मिली थी। महज 22 साल की उम्र में IAS बनने वाले मुंकुंद ने पहले ही प्रयास में कामयाबी हासिल की। वो अभी केरल में सिविल सप्लाई कमिश्नर हैं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि साल 2015 में उन्होंने सैनिक स्कूल से 12वी की परीक्षा पास करने के बाद 2016 में नेवी में भर्ती होने के लिए परीक्षा दी और सफलता पूर्वक पास की। इसके बाद 5 दिन तक चलने वाले इंटरव्यू में 92 Candidate के बीच अकेले पास हुए थे। इन सबके बाद आखिरी टेस्ट मेडिकल का था जिसमे इनको अनफिट करारा दिया गया क्योकि इनके आँख में एक बहुत छोटा सा TISU नहीं बना है।
कौन है IAS नम्रता चौबे Namrta Chobey Biography In Hindi
छत्तीसगढ़ कैडर की IAS नम्रता चौबे झारखंड की रहने वाली है। झारखंड के गढ़वा की रहने वाली नम्रता चौबे को UPSC में 73वां स्थान मिला था। गढ़वा के हूर गांव की रहने वाली नम्रता के पिता सहायक शिक्षक हैं। उन्होंने दूसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया और आईएएस बनी। नम्रता चौबे की स्कूली शिक्षा गढ़वा शहर के शांति निवास उच्च विद्यालय से हुई। वर्ष 2010 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद आरके पब्लिक स्कूल से इंटरमीडिएट विज्ञान की परीक्षा पास की। इसके बाद वह आइआइटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद नम्रता को मुबंई में एक निजी कंपनी में नौकरी मिल गई। लेकिन पिता विपिन कुमार चौबे व चाचा करुणाकर चौबे की सलाह पर नम्रता ने नौकरी छोड़ दी। वह यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली पहुंच गईं। इसके बाद वर्ष 2020 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुईं। लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार की परीक्षा में नम्रता ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 73वां रैक हासिल कर लिया।