एक एकड़ में लागत एक लाख से ज्यादा
किसानों के अनुसार शेखावाटी की आबोहवा के अनुसार एक एकड़ प्याज की खेती पर लगभग एक लाख रुपए से ज्यादा रुपए की लागत आती है। ऐसे में प्याज की औसतन उपज की लागत करीब 16 रुपए प्रति किलो तक आंकी जाती है। इससे कम भाव मिलने पर किसान को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
open-button
patrika-logo-header
En
अगली खबर
Budget 2025
HMPV Virus
Champions Trophy 2025
दिल्ली चुनाव
शिक्षा
महाकुंभ 2025
पत्रिका रक्षा कवच
IPL 2025
धर्म/ज्योतिष
बॉलीवुड
सीकर
Onion Price: नए साल में इतना सस्ता हो चुका है शेखावाटी का प्रसिद्ध मीठा प्याज, जानिए सीकर मंडी का भाव
Sikar Onion Price: कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो सीकर जिले में हर साल करीब 20000 हेक्टेयर में प्याज की बुवाई होती है। इसका औसतन उत्पादन करीब साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन तक आंका जाता है।
सीकर
•
Jan 11, 2025 / 10:26 am
•
Rakesh Mishra
Sikar Onion Price
Onion Price: प्याज के भावों में नए साल की शुरुआत के साथ ही गिरावट का दौर शुरू हो गया है। बुवाई अधिक होने और मौसम सही होने के कारण मंडियों में नए प्याज आने लगा है। राजस्थान की सीकर मंडी में शेखावाटी के प्रसिद्ध मीठे प्याज के थोक भाव गिरकर महज 10 से 16 रुपए प्रति किलो हो चुके हैं।
किसानों की मानें तो इस बार प्याज का बुवाई के प्रति रुझान ज्यादा रहा है। सर्दियों के सीजन में लगाए गए प्याज की फसल बाजार में फरवरी व मार्च में पीक तक पहुंच जाती है। आमतौर पर सीजन से पहले प्याज के थोक व खुदरा भाव लागत मूल्य से ज्यादा रहते हैं, लेकिन इस बार प्याज के दाम सीजन की शुरुआत से पहले गिर गए हैं।
कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो सीकर जिले में हर साल करीब 20000 हेक्टेयर में प्याज की बुवाई होती है। इसका औसतन उत्पादन करीब साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन तक आंका जाता है।
एक एकड़ में लागत एक लाख से ज्यादा
किसानों के अनुसार शेखावाटी की आबोहवा के अनुसार एक एकड़ प्याज की खेती पर लगभग एक लाख रुपए से ज्यादा रुपए की लागत आती है। ऐसे में प्याज की औसतन उपज की लागत करीब 16 रुपए प्रति किलो तक आंकी जाती है। इससे कम भाव मिलने पर किसान को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
यह वीडियो भी देखें
ऐसे में इस समय आ रही यह गिरावट किसानों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि सीजन के दौरान उन्हें अपनी लागत निकालने में कठिनाई हो सकती है। वहीं, उपभोक्ताओं के लिए यह राहत की बात है, क्योंकि उन्हें कम कीमत पर प्याज उपलब्ध हो रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार और संबंधित एजेंसियों को कदम उठाकर किसानों को समर्थन देने की जरूरत है।
सीकर और रसीदपुरा मंडी में रोजाना करीब तीन हजार बोरी प्याज आने लगा है। प्रदेश की सभी मंडियों में प्याज की बिक्री होने से भावों में गिरावट आई है। इससे आम उपभोक्ता को तो राहत मिली है, लेकिन भावों में ज्यादा गिरावट आने पर प्याज उत्पादक किसान प्रभावित होंगे।
देवीलाल चौधरी, थोक विक्रेता