भारत एक विशाल देश है. इसके हर राज्य की अपनी कई खासियत है. मौसम से लेकर खान-पान भी हर कुछ दूरी में बदल जाता है. हालांकि, ट्रेवलिंग की वजह से अब साउथ के राज्यों में खाया जाने वाला खाना यानी इडली-सांभर, या फिर डोसा आपको आसानी से नॉर्थ में भी मिल जाएगा. वहीं नॉर्थ का बटर चिकन आपको साउथ में भी मिल जाएगा.
हर राज्य में कुछ ऐसी डिशेज होती है, जो उसकी पहचान बन जाती है. कई कुजींस के बारे में आज भी लोगों को जानकारी नहीं है. झारखंड में ज्यादातर लोग आदिवासी हैं. कुछ सालों पहले तक इन ट्राइबल्स को बाहर की दुनिया के बारे में कुछ जानकारी नहीं थी. लेकिन अब धीरे-धीरे ये बाहर की दुनिया से मिल भी रहे हैं और अपने तौर-तरीके भी शेयर कर रह हैं. इसी के जरिये उनके द्वारा खाए जाने वाले कुछ लोकल डिशेज की जानकारी बाहरी दुनिया को मिल रही है. इसी में शामिल है एक स्पेशल डिश, जिसका नाम है सितुआ.मीट से भी बेहतर स्वाद
लोकल्स का कहना है कि सितुआ का स्वाद हर तरह के नॉन-वेज को कर देता है. ताजे पानी में मिलने वाले सतुआ की काफी डिमांड होती है. झारखंड की राजधानी रांची में इसे आप धुर्वा डैम से खरीद सकते हैं. लोकल्स इसे डैम से पकड़कर किनारे पर बेचते हैं. इसके साथ ही घोंघे भी काफी पसंद किये जाते हैं. मार्केट में आपको सितुआ चार से पांच सौ रुपये किलो मिल जाएगा.ऐसे बनता है सितुआ
इसे बनाने के कई तरीके हैं. कई बार इसे करी के रूप में बनाया जाता है. लेकिन ज्यादातर इसे धोकर अच्छे से उबाल लिया जाता है. इसके बाद इसे प्याज और मसालों के साथ हल्का सा भून लिया जाता है. लोग इसके शेल को अलग कर इसका स्वाद लेते हैं. इसे नेपाल में भी काफी पसंद किया जाता है. कई लोग आज भी इसके बारे में अंजान हैं. लेकिन धीरे-धीरे जैसे जैसे लोकल कुजींस बाहर आ रहे हैं, वैसे-वैसे इस तरह के कई सीक्रेट डिशेज की जानकारी लोगों को मिल रही है.