देश दुनिया

आलू की खुदाई से खाली हो गया खेत तो अब करें इस फसल की खेती, मालामाल हो जाएंगे किसान, लें एक्सपर्ट की राय

सागर: खेती के क्षेत्र में किसानों की मेहनत और सही रणनीति से फसल उत्पादन में बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है. सागर जिले के किसानों के लिए आलू की फसल के बाद खाली खेतों का उपयोग गेहूं की बुवाई के लिए करना एक बेहतरीन विकल्प है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस समय गेहूं की खेती करके किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं.

आलू की खुदाई के बाद गेहूं की बुवाई
सितंबर में आलू की खेती करने वाले किसानों की फसल अब तैयार हो चुकी है. आलू की खुदाई के बाद खेत खाली हो जाता है, जिसे गेहूं की बुवाई के लिए उपयोग किया जा सकता है. सागर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. के.एस. यादव ने बताया कि आलू की फसल के बाद गेहूं की खेती से किसानों को बंपर उत्पादन और अच्छा मुनाफा मिल सकता है

गेहूं की खेती के लिए करें सही तैयारी
आलू की फसल के बाद गेहूं की बुवाई करते समय खेत की तैयारी और फसल प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है. विशेषज्ञों के अनुसार:कम अवधि वाली किस्म चुनें: 90 से 105 दिनों में तैयार होने वाली गेहूं की किस्में बुवाई के लिए आदर्श हैं.सिंचाई का ध्यान रखें: गेहूं की बुवाई के बाद नियमित सिंचाई करें. विशेष रूप से हर सिंचाई के बाद यूरिया का छिड़काव करें, ताकि फसल बेहतर तरीके से विकसित हो सके.खेत की तैयारी: खेत में खरपतवार को हटाएं और मिट्टी को भुरभुरी बनाएं, जिससे पौधों की जड़ों को पर्याप्त पोषण और पानी मिल सके.अन्य विकल्प: भिंडी, बरबटी और प्याज की बुवाईअगर किसान गेहूं के बजाय अन्य फसलें लगाना चाहते हैं, तो भिंडी, बरबटी, और प्याज की बुवाई भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. ये फसलें कम समय में तैयार होती हैं और बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती हैं.डबल इनकम: एक ही खेत से दो फसलों का उत्पादन करके किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं.उपज में सुधार: गेहूं की कम अवधि वाली किस्में समय पर तैयार हो जाती हैं, जिससे किसान अगली फसल की तैयारी भी आसानी से कर सकते हैं.स्थायी आय: गेहूं की फसल से नियमित रूप से बाजार में मांग बनी रहती है, जिससे किसानों को स्थायी आय का साधन मिलता है.विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. के.एस. यादव के अनुसार, आलू की फसल के बाद गेहूं की बुवाई एक लाभकारी कदम है, बशर्ते किसान खेती के सही तरीके अपनाएं. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसान समय पर सिंचाई और खाद प्रबंधन का ध्यान रखें. इसके साथ ही, खेतों में सही तरह की फसलें उगाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button