बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद पत्रकार जगत में रोश व्याप्त है। शनिवार को बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अंतिम यात्रा निकाली गई। पत्रकार की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में पत्रकार व जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोग शामिल हुए। इस हत्याकांड की चौतरफा निंदा हो रही है। पत्रकारों की मांग है कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए। इधर इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और तीन अन्य को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
बता दें 1 जनवरी 2025 को शाम 7 बजे से मुकेश चंद्राकर घर से लापता थे। 2 जनवरी को उनके भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस लगातार मुकेश के फोन को ट्रेस कर रही थी। फोन बंद होने की वजह से अंतिम लोकेशन घर के आस-पास का ही दिखा रहा था। इसके बाद जीमेल लोकेशन में मुकेश का अंतिम लोकेशन बीजापुर के चट्टानपारा में होना पाया गया। यहां पर मुकेश के रिश्तेदार और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर व रितेश चंद्राकर का बैडमिंटन कोर्ट है। इसकी जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के दौरान कुछ पत्रकारों की नजर सेप्टिक टैंक पर गई। टैंक पर कंक्रीट का मोटा स्लैब डाला गया था, लेकिन उसमें एक भी चेंबर नहीं रखा था। इससे शक हुआ और सेफ्टीक टैंक को तोड़ने की मांग की गई। टैंक तोड़ने के बाद उसमें मुकेश की लाश मिली।
बीजापुर में पत्रकारों का प्रदर्शन
नेशनल हाइवे पर चक्काजाम कर बैठे पत्रकार
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद उनकी अंतिम यात्रा से पहले पत्रकारों ने लगभग 4 घंटे तक बीजापुर नेशनल हाइवे-63 पर चक्काजाम किया। पत्रकारों की मांग है कि इस हत्याकांड का जो भी आरोपी है उसे फांसी की सजा दी जाए। इस पूरे मामले में मुख्य ससंदेही ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर है। घटना के बाद से ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पूरे परिवार के साथ फरार हो गया। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के छोटे भाई रितेश चंद्राकर की CG20-3333 नंबर की कार रायपुर एयरपोर्ट पर खड़ी मिली। गुरुवार को 6.40 बजे वह दिल्ली फ्लाइट में फरार हुआ है। सुरेश चंद्राकर का सबसे छोटा भाई पुलिस हिरासत में है। पुलिस पूछताछ कर रही है।
उजागर किया था भ्रष्टाचार का मामला
पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने लगभग 5 से 6 दिन पहले ही सड़क में भ्रष्टाचार की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिस वजह से मुकेश चंद्राकर और उसके रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर में विवाद हो गया था। बताया जा रहा है कि एक जनवरी को एक व्यक्ति मुकेश चंद्राकर के घर पहुंचा था और उसे अपने साथ चलने कहा। इसके बाद से ही मुकेश चंद्राकर लापता थे। इसके बाद शुक्रवार को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के कोर्ट में बने सेफ्टी टैंक में मुकेश चंद्राकर की लाश मिली। जिस जगह से लाश बरामद की गई, वहां पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही। मौके पर एफएसएल की टीम और पुलिस के आला अफसर भी पहुंचे। शव को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारे ने पहले गला घोंटा होगा। उसके बाद सिर पर धारदार हथियार से कई वार किए होंगे। क्योंकि सिर पर करीब ढाई इंच का गहरा गड्ढा हो गया है। ऐसा लग रहा है जैसे कुल्हाड़ी से वार किया गया है।
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