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किसान भाई सावधान, मिर्ची-टमाटर को तबाह कर रही दुर्लभ बीमारी, फटाफट करलें एक्सपर्ट का ये उपाय

सागर : सागर जिले में मिर्च की खेती पर ब्लैक थ्रिप्स का अटैक हुआ है. जिसकी वजह से मिर्च की खेती करने वाले किसान परेशान है. गढ़ाकोटा क्षेत्र में किसान भाई शिमला मिर्च की खेती भी करते हैं उस पर भी थ्रिप्स कहर बरपा रही है. मिर्च के अलावा टमाटर की फसलों पर भी इस खतरनाक जीव का प्रभाव देखा जा रहा है, यह रस चूसक कीड़े होते हैं जो पौधों पर आने वाले फूल का रस चूस कर गिरा देते हैं. जिससे फसल की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में परेशान किसानों के लिए उद्यानिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पी एस बडोले ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है जिसको अपना घर किसान अपनी फसलों को कुछ हद तक सुरक्षित रख सकते हैं.

डिप्टी डायरेक्टर के अनुसार ब्लैक थ्रिप्स का सबसे पहले गुंटूर एरिया की मिर्च में अटैक पाया गया था. धीरे-धीरे हमारे क्षेत्र में भी ब्लैक थ्रिप्स का अटैक होने लगा है. ब्लैक थ्रिप्स और साधारण थ्रिप्स में कोई ज्यादा अंतर नहीं है. इसमें हमें जो रस चूसने वाली दवाइयां होती हैं उन दवाइयां का प्रयोग हमें बारी बारी से करते रहना होता है ताकि हम उनका नियंत्रण कर सके, जिसमें एक गंध टाइप की दवाइयां रहती हैं. उसको स्प्रे करने से ब्लैक थ्रिप्स का नियंत्रण कर सकते हैं. बेसिकली देखा जाए तो इसमें सल्फर का उपयोग करना चाहिए. वह थ्रिप्स को और मकड़ी का कंट्रोल शुरुआत में करता है.प्रयोंन करके दवाई आती है जो 17 ml प्रति पंप के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए, ओबेरॉन एक दवाई आती है उसका स्प्रे बारी-बारी से करना चाहिए. ताकि हमें जिससे थ्रिप्स का कंट्रोल किया जा सकता है. सुपर कांफिडोर जो हमारे सिस्टमिक इंसेक्ट की साइड है, यह आमिडो क्लोरोपिक के नाम से जाना जाता है. अगर उसका उपयोग हम एक अल्टरनेट डेट पर करेंगे तो नियंत्रण कुछ हद तक कर सकते हैं. दूसरा इसका स्प्रे पावर पंप से करें ताकि उसका जो दवा होती है, वह फूलों के दवाई का प्रेशर पहुंच सके तो कुछ डायरेक्ट उसका कांटेक्ट हो जाए कुछ जब उसका असर होता है. तो उसे नियंत्रित हो पाएगा.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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