डडसेना कलार समाज का इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर बहुत ही समृद्ध है-उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
डडसेना कलार समाज सदैव एक उर्जाशील और प्रेरणादायक समाज रहा है-कैबिनेट मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल
डडसेना कलार समाज द्वारा युवक-युवती परिचय सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया
कवर्धा 23 दिसंबर 2024। डडसेना कलार समाज कबीरधाम द्वारा युवक-युवती परिचय सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह का भव्य आयोजन सरदार पटेल मैदान में किया गया। युवक-युवती परिचय सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, सांसद श्री संतोष पाण्डेय, विधायक श्रीमती भावना बोहरा और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर पटेल शामिल हुए। अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत भगवान सहस्त्रबाहु के तैल चित्र पर पूजा अर्चना और माल्यार्पण करके आर्शीवाद ली। समाज के प्रतिनिधियों द्वारा अतिथियों का गज माला और पुष्पगुच्छ भेंटकर आत्मीय स्वागत किया, जो समाज की ओर से अतिथियों के प्रति आदर और श्रद्धा का प्रतीक था। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा, कैबिनेट मंत्री श्री जायसवाल सहित अतिथियों ने समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नागरिकों को ’’डडसेना गौरव सम्मान’’ से नवाजा। इसके तहत समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, दसवीं और बारहवीं कक्षा में टॉप करने वाले छात्रों को शील्ड, मोमेंटो, प्रमाण पत्र और भगवत गीता भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। यह छात्रों को प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया था, ताकि वे अपने जीवन में और भी उच्च शिखर छू सकें। अतिथियों ने समारोह में समाज के प्रमुख कार्यों और समाजसेवियों के योगदान को सराहा गया।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने डडसेना कलार समाज के प्रतिनिधियों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है, और आज उनके वंशज होना आपके लिए गर्व की बात है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी बताया कि ’मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक कल्चुरी वंश के शासकों ने शासन किया। छत्तीसगढ़ के निर्माण और इतिहास में कल्चुरी वंश का विशेष योगदान रहा है। इस वंश के शासनकाल में छत्तीसगढ़ क्षेत्र में अनेक मंदिरों, किलों और भवनों का निर्माण हुआ था, जो आज भी छत्तीसगढ़ के गौरव का प्रतीक हैं। उन्होंने रतनपुर का उल्लेख करते हुए कहा कि रतनपुर कभी कल्चुरी वंश की राजधानी थी, और यदि आज भी वहां खुदाई की जाए, तो कल्चुरी वंश का इतिहास मिलेगा। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में समाज के इतिहास और योगदान पर और भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डडसेना कलार समाज का इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर बहुत ही समृद्ध है और यह समाज हमेशा से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझते हुए समाज के कल्याण के लिए कार्य करता रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आज समाज के लोग जिस तरह से अपने गौरवमयी इतिहास को सम्मान देते हुए समाज में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं, वह भविष्य में और भी बेहतर कार्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
उपमुख्यमंत्री ने डडसेना कलार समाज की सक्रियता और समाज के विकास के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और समाज के सभी सदस्यों को एकजुट होकर और अधिक ऊँचाइयों तक पहुंचने की प्रेरणा दी। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने समाज के मांग पर सहसपुर लोहारा के ग्राम खड़ौदा में समाजिक भवन निर्माण के लिए 10 लाख रूपए की घोषणा की। उन्होनें भगवान सहस्त्रबाहु चौक में मूर्ति स्थापना और सौन्दर्यीकरण कार्य के लिए घोषणा की। समाज द्वारा शहर में समाजिक उपयोग के लिए जमीन की मांग की गई। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जमीन की उपलब्धता के लिए आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि राजमहल चौक स्थित समाजिक भवन के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए राशि भी स्वीकृत कर दी गई है।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस भव्य आयोजन के लिए डडसेना कलार समाज को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि डडसेना कलार समाज सदैव एक उर्जाशील और प्रेरणादायक समाज रहा है। कैबिनेट मंत्री श्री जायसवाल ने यह भी बताया कि डडसेना कलार समाज, समाज के कल्याण के लिए निरंतर कार्यरत है, और यह समाज भारत के प्रत्येक राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। उन्होंने बताया कि हर राज्य में डडसेना कलार समाज के लोग विभिन्न उपजातियों में निवास करते हैं। मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि समाज के युवाओं ने अपने मनोबल को बढ़ाकर, छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा, राज्य के निर्माण और छत्तीसगढ़ को प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य किया है और आगे भी इस कार्य को आगे बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति समाज के बाद डडसेना कलार समाज की संख्या सबसे अधिक है, जो इस समाज की सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है।
सांसद श्री संतोष पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माण में डडसेना कलार समाज की बहुत बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे समाज के प्रमुख सचेतक, श्री संजय जायवाल, जो आपके समाज से ही हैं, समाज की सेवा में हमेशा सक्रिय रहते हैं।सांसद ने अपने संबोधन में कहा कि जब एक विचारधारा के प्रति दृढ़ता, मानव सेवा और भेदभाव रहित कार्य किए जाते हैं, तो समाज में सच्चे बदलाव आते हैं। उन्होंने डडसेना कलार समाज के योगदान को सराहते हुए कहा कि समाज ने हमेशा हर पहलू में, चाहे वह शिक्षा हो, राजनीति हो या समाजसेवा, अपने योगदान से महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं।
पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने समाज को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक एकता और सौहर्द हमेशा समाज में बना रहे। उन्होंने आगे कहा कि राजनीति, शिक्षा, नौकरी, खेती-किसानी सहित हर क्षेत्र में डडसेना कलार समाज ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। विधायक ने यह भी उल्लेख किया कि डडसेना कलार समाज की ऐतिहासिक सक्रियता रही है। उन्होंने विशेष रूप से गोवर्धन दास डडसेना और पंडित जगमोहन जी का उल्लेख किया, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान असहयोग आंदोलन में समाज और युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ने का कार्य किया। विधायक बोहरा ने कहा, कि बेटा एक ही परिवार का नाम गौरव बढ़ाता है, लेकिन बेटी दोनों परिवारों का नाम गौरवान्वित करती है, हमें इस पर भी विशेष ध्यान देना है। विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने पंडरिया में डडसेना कलार समाज के भवन निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की घोषणा की, जो समाज के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा।
समाज के अध्यक्ष श्री रूपेन्द्र जायसवाल ने समाज द्वारा किए गए कार्यों का पठन किया और उपस्थित अतिथियों को समाज की गतिविधियों और योजनाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। समारोह के समापन पर सभी अतिथियों और समाज के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर समाज की उन्नति और समृद्धि के लिए काम करने का संकल्प लिया। इस आयोजन ने समाज के भीतर एकता, प्रेरणा और उत्साह का माहौल बनाया, और इस तरह के आयोजनों से समाज की सामाजिक गतिविधियों में और भी अधिक समृद्धि की उम्मीद जताई गई। यह कार्यक्रम समाज के लिए एक ऐतिहासिक अवसर था, जिसने न केवल समाज को एकजुट किया, बल्कि समाज के प्रतिभाशाली और समर्पित नागरिकों को सम्मानित करके उनके कार्यों को सराहा।
समाजिक पुस्तक का किया गया विमोचन
समारोह के दौरान “समाज की सामाजिक पुस्तक“ का विमोचन भी किया गया, जिसे समाज के कार्यों और योगदानों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जा रहा है। यह पुस्तक डडसेना कलार समाज की सामाजिक और सांस्कृतिक यात्रा को संजोने का कार्य करेगी। इसमें समाज द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों, आयोजनों और समाजसेवियों के योगदान को दस्तावेजित किया गया है। इस पुस्तक का विमोचन समाज की समर्पण और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।