बांग्लादेश आलू-प्याज तक के लिए भारत पर निर्भर है. तनाव की वजह से भारत से आलू-प्याज पहुंचने में कुछ देरी क्या हुई, बांग्लादेशियों की थाली से प्याज-आलू गायब हो गया. क्योंकि कीमतें इतनी ज्यादा बढ़ गईं कि बहुत सारे लोग खरीद नहीं पा रहे थे. अब जब भारत ने वहां नया स्टॉक भेजा तब जाकर कीमतें कम हुई और लोगों ने राहत की सांस ली. लेकिन क्या भारत की इन कोशिशों से बांग्लादेश के नेताओं की नफरत कम होगी?हफ्ते प्याज 140 बांग्लादेशी टका (100 रुपये) किलो तक बिक रहा था. लेकिन जैसे ही भारत से प्याज पहुंची, यह 90 टका (63 रुपये) पर आ गया. कुछ दुकानों पर तो भारतीय प्याज 80 टका में भी बेचा जा रहा है. इससे वहां के लोगों ने काफी राहत की सांस ली है. क्योंकि बांग्लादेश में पैदा होने वाला प्याज उन्हें काफी महंगा पड़ता है. कई जगह यह 150 टका तक में बेचा जा रहा है. इसलिए भारतीय प्याज वहां के लोगों की पसंद है.कितनी प्याज भारत ने भेजी
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले शनिवार को भारत से दिनाजपुर के हिली बंदरगाह के जरिए 1,171 टन प्याज बांग्लादेश पहुंचा. इसके बाद से प्याज की कीमतों में अप्रत्याशित रूप से गिरावट आई है. ढाका की मीरपुर-1 सब्जी मंडी में दुकानदारों ने बताया कि दो दिन में ही प्याज की कीमतों में काफी तेज गिरावट आई है. हालांकि, आलू की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है
आलू की कीमतें भी गिरीं
दुकानदारों ने बताया कि भारत से आया नया आलू मार्केट में पहुंचने लगा है, इससे कीमतों में 20 टका यानी 15 रुपये तक की कमी आई है. एक-दो दिन में कीमतों में और गिरावट होने की उम्मीद है. हालांकि, पुराने आलू की डिमांड ज्यादा होने की वजह से उसकी कीमतों में कमी नहीं आ रही है. बांग्लादेश में आलू 80 टका यानी 57 रुपये किलो बेचा जा रहा है. एक दुकानदार एमडी शरीफ ने कहा कि पुराने आलू का स्वाद नए आलू की तुलना में अच्छा होता है, इसलिए उसकी डिमांड ज्यादा है. होटल और रेस्टोरेंट अभी भी पुराने आलू को ही प्राथमिकता देते हैं. जिससे उसकी मांग बनी रहती है.