आजकल बच्चों के हाथ में क्या दिखता है..फोन, वीडियो गेम और बहुत कुछ. लेकिन कुछ बच्चे अभी भी इन सब चीजों के बिना अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. इन बच्चों के पास न तो इंटरनेट है और न ही इंस्टाग्राम. एकदम साधारण जीवन जी रहे इन बच्चों की दिन की शुरुआत होती है वैदिक मंत्रोच्चार के साथ. हम बात कर रहे हैं गुरुकुल में जिंदगी गुजार रहे उन बच्चों की जिनमें कूट-कूट कर हुनर भरा है.
गुरुकुल में कैसा जीवन जीते हैं बच्चे?
जिस गुरुकुल की हम बात कर रहे हैं, वो विद्यालय अमेठी जिले की गौरीगंज तहसील में है. यहां बच्चों को वेद पुराण गीता के अलावा सामान्य विषय में हिंदी अंग्रेजी गणित और अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाती है. बच्चों को कथा, भागवत शादी-विवाह के शुभ अवसरों पर पूजा-पाठ सिखाया जाता है. ये सभी बच्चे बहुत ही साधारण जिंदगी गुजारते हैं. गौरीगंज तहसील के आनंद नगर में स्थित संस्कृत और गुरुकुल जगन्नाथ विद्यालय में सभी सुविधाएं हैं. बच्चों के रहने खाने और उनके स्वास्थ्य की. जांच के लिए भी सभी इंतजाम विद्यालय प्रबंधन और आचार्य विनय शास्त्री जी महाराज की तरफ से किए गए हैं.
ऐसे होती है दिन की शुरुआत
गुरुकुल में पढ़ने वाले उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष के छात्र सुधीर पांडे बताते हैं कि हम सब का जीवन एकदम साधारण है. हम सब सुबह 4:30 बजे उठते हैं. नित्य क्रिया से निपटने के बाद हम सब स्नान करते हैं. फिर योग करते हैं. योग करने के बाद हम सब मंदिर में जाकर पूजा पाठ, भजन, संध्या, आरती करते हैं. इसके बाद सभी एक साथ नाश्ता करते हैं.बच्चे बोले – ऐसा ही जीवन लगता है अच्छा
इसके बाद सभी बच्चे अपनी कक्षाओं में पढ़ाई करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास न मोबाइल है और न ही टीवी. उनका जीवन एकदम साधारण है. उन्हें इसी जीवन में एकदम अच्छा लगता है और वह इसी तरह संस्कृत विषय में ही पढ़ाई कर आगे बढ़ना चाहते हैं.