छत्तीसगढ़

बाल विवाह से बच्चों की उन्नति रूकती है अन्यथा वे उच्च पदों तक जा सकते हैं-राहुल

बाल विवाह से बच्चों की उन्नति रूकती है अन्यथा वे उच्च पदों तक जा सकते हैं-राहुल

कवर्धा,  । प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे के मार्गदर्शन एवं निर्देश पर कृषक सहयोग संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम बाल विवाह पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। न्याय सब के लिए न्याय पाने का सभी को समान अधिकार उक्त बातें कृषक सहयोग संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राहुल कुमार ने कही।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राहुल कुमार ने कहा कि पढ़ने-लिखने की उम्र में विवाह करना, बच्चों की पढ़ाई को रोकना और उसके सुनहरे भविष्य को अंधकार में धकेलने जैसा है। पढ़-लिखकर बच्चे पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी, चिकित्सक, जज, वैज्ञानिक एवं बड़े उद्योगपति बन सकते हैं किन्तु समय पूर्व विवाह से घरेलू, मानसिक एवं शरीरिक दवब में उनकी तरक्की में बाधा उत्पन्न हो सकती है। पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक रूप से परिपक्व होने पर ही विवाह करना चाहिये जिसके लिए उनकी उम्र सीमा भी निर्धारित की गई है। बाल विवाह कानूनन अपराध है ऐसे में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह गैर कानूनी है और ऐसा करते पाये जाने पर 2 साल की सजा एवं 01 लाख के जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह हमारे समाज में एक अभिशाप की तरह है। शहरों की अपेक्षा गांवों में बाल विवाह के प्रकरण अधिक मिलते हैं, जिसे रोकने के लिए प्रशासन प्रयत्नशील रहते हैं। कृषक सहयोग संस्थान के समन्वयक ललित कुमार सिन्हा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को उक्त कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग के अधिकारी कर्मचारी, स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य श्री आर.सी. बारले, संस्था के सचिव आशु चन्द्रवंशी, राजाराम चन्द्रवंशी, महिला सेल प्रभारी श्रीमती विजया कैवर्त पैरालीगल वालिन्टियर श्रीमती प्रभा गहरवार मौजूद थे।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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