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अनिल अग्रवाल फाउंडेशन और ओडिशा सरकार मिलकर झारसुगुड़ा में 500 आंगनवाड़ी केन्द्रों को नंद घरों में करेंगे परिवर्तित

नंद घर वेदांता की एक प्रमुख सामुदायिक पहल है जो महिलाओं व बच्चों के लिए सम्पूर्ण विकास केन्द्र के तौर पर कार्य करता है
रायपुर/ राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने जिला समाज कल्याण कार्यालय के साथ एक करार (मैमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर दस्तखत किए हैं जिसके तहत झारसुगुड़ा में ५०० आंगनवाड़ी केन्द्रों को अपग्रेड कर के अत्याधुनिक नंद घरों में तब्दील किया जाएगा। नंद घर, आंगनवाड़ी का उन्नत रूप है जो महिला एवं बाल विकास केन्द्र के तौर पर काम करता है।

इस महत्वपूर्ण सहयोग के मौके पर गणमान्य व्यक्तियों में श्रीमती अबोली नरवणे, जिला मजिस्ट्रेट व कलेक्टर, झारसुगुड़ा; श्री सुरेश पुजारी, राजस्व मंत्री, ओडिशा सरकार; श्री टंकाधर त्रिपाठी, एमएलए, झारसुगुड़ा; श्रीमती पुन्यबती हेलेन ऐक्सैस, जिला समाज कल्याण अधिकारी, झारसुगुड़ा; श्री राधाकांता गरतिया, जिला शिक्षा अधिकारी, झारसुगुड़ा शामिल थे।

झारसुगुड़ा वेदांता के एल्यूमिनियम प्रचालन का घर है और दुनिया का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम स्मेल्टर यहां मौजूद है। वेदांता एल्यूमिनियम के कर्मचारी कम्पनी के सामुदायिक विकास कार्यों में सक्रियता व स्वेच्छा से योगदान देते हैं और स्वास्थ्य, शिक्षा, जमीनी स्तर पर खेलों व संस्कृति आदि संबंधी गतिविधियों में शामिल होते हैं। स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने व विद्यार्थियों की मेंटरिंग से लेकर स्थानीय कलाओं को प्रोत्साहित व प्रचारित करने तक कम्पनी के कर्मचारियों के प्रयासों ने समुदायों पर दीर्घकालिक प्रभाव डाला है। ये समर्पित लोग अपनी पेशेवर भूमिका से परे जाकर भरोसे व सशक्तिकरण का पुल बनाते हैं, सस्टेनेबल प्रगति को पोषित करते हैं और वेदांता एल्यूमिनियम के प्रचालन क्षेत्रों में सकारात्मक असर कायम करते हैं।

वेदांता एल्यूमिनियम के मुख्य प्रचालन अधिकारी श्री सुनील गुप्ता ने इस समझौते का स्वागत करते हुए तथा जमीनी स्तर पर विकास हेतु कम्पनी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा, ज्ज्वेदांता में हम अपने प्रचालन स्थल के समुदायों में सस्टेनेबल विकास एवं समावेशी वृद्धि के लिए गहनता से समर्पित हैं। नंद घर नामक पहल के जरिए हमारा लक्ष्य नई पीढ़ी और महिलाओं को उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक साधन प्रदान करना है। हमें गर्व है कि झारसुगुड़ा जिला विभागों के साथ मिलकर हम इस विचार को यथार्थ रूप दे रहे हैं ताकि इस क्षेत्र में प्रभावी एवं दीर्घकालिक प्रगति सुनिश्चित हो सके।ज्ज्

विकास के लिए किए जा रहे वेदांता के प्रयासों को सराहते हुए झारसुगुड़ा की जिला मजिस्ट्रेट व कलेक्टर श्रीमती अबोली नरवणे ने कहा, ज्ज्झारसुगुड़ा के आंगनवाड़ी केन्द्रों में रूपांतरकारी बदलाव हेतु वेदांता के सहयोग का हम स्वागत करते हैं। नंद घर की पहल से ऐसे केन्द्रों की रचना हो रही है जहां बच्चों एवं महिलाओं के समग्र कल्याण एवं वृद्धि के लिए सुरक्षित स्थल बनाने के साथ ही उनके शिक्षण हेतु केन्द्र भी बनेंगे। यह एमओयू सामुदायिक विकास के हमारे साझे विज़़न की दिशा में एक अहम कदम है।ज्ज्

झारसुगुड़ा के एमएलए श्री टंकाधर त्रिपाठी ने कहा, ज्ज्यह भागीदारी एक साझा सोच को प्रदर्शित करती है जो जमीनी स्तर पर सामुदायिक संसाधनों को बढ़ाने के लिए है। इस अपग्रेड के बाद नंद घर बच्चों व महिलाओं को सशक्त करेंगे और झारसुगुड़ा के समुदायों की अर्थपूर्ण वृद्धि सम्भव होगी।ज्ज्

बेहरमाल के एमसीएल सामुदायिक केन्द्र में एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ ही बालदिवस कार्यक्रम ज्दुकान जात्राज् भी आयोजित किया गया जिसमें ३,५०० से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें ६० स्कूलों के विद्यार्थी, समुदाय के सदस्य और वेदांता एल्यूमिनियम के कर्मचारी वॉलंटियर शामिल थे। इस कार्यक्रम में उद्यमिता प्रदर्शन हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने ६० से ज्यादा स्टॉल लगाए और खुद बनाए गए उत्पादों की विभिन्न रेंज प्रस्तुत की जिनमें हस्तशिल्प से लेकर खानेपीने की वस्तुएं शामिल थीं, इससे विद्यार्थियों के रचनात्मक एवं उद्यम कौशल को बढ़ावा मिला।

नंद घर की मुख्य झलकियां
२०१५ में लांच किया गया नंद घर वेदांता की प्रमुख सामुदायिक पहल है जिसे अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तत्वावधान में भारत सरकार के महिला व बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया गया।
नंद घर में ६ साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल से पहले की तैयारी कराई जाती है, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक भोजन व घर के लिर राशन मुहैया कराया जाता है, एएनएम स्टाफ (सहायक नर्स/दाईयां) के जरिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाती हैं और महिलाओं के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
वर्तमान में झारसुगुड़ा में १७५ नंद घर सक्रिय हैं जो १२७ गांवों में ७,००० से अधिक बच्चों पर प्रभाव डाल रहे हैं; सोलर लाइट, वाटर प्यूरीफायर, टॉयलेट जैसी सुविधाओं से समग्र सामुदायिक कल्याण में सहयोग दे रहे हैं तथा बाला पेन्टिंग व न्यूट्रीशन गार्डन बच्चों के सम्पूर्ण विकास पर ध्यान दे रहे हैं।

शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, कौशल विकास, ग्रासरूट स्पोर्ट्स, कला व संस्कृति के क्षेत्रों में वेदांता के सामाजिक हस्तक्षेप महिला एवं बाल विकास पर फोकस करते हुए झारसुगुड़ा व आसपास के तकरीबन ८० गांवों तक पहुंचते हैं और साल भर में ३ लाख से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाते हैं। कम्पनी के सामाजिक हस्तक्षेप ३५० से अधिक स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लगभग ५,००० महिलाओं को सशक्त करते हैं; साल में लगभग ५०,००० लोगों के दरवाजे पर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं; १३,००० से ज्यादा विद्यार्थियों को शैक्षिक सहयोग देते हैं तथा अब तक १.५० लाख के लगभग पौधे सामुदायिक स्तर पर स्थानीय लोगों की सहभागिता में लगाए जा चुके हैं।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष २४ में २३.७ लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट २०२३ में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स और एल्यूमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ज्भविष्य की धातुज् के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।

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