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देव दिवाली पर कब जलाएं दीपक? नोट कर लें शुभ मुहूर्त, लगेगी स्वर्ग की भद्रा

इस साल देव दीपावली 15 नवंबर शुक्रवार को है. देव दीपावली का पर्व कार्तिक पूर्णिमा को है, इसे देव दिवाली भी कहा जाता है. इस दिन काशी और प्रयागराज में गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. देव दीपावली के अवसर पर काशी में गंगा घाटों को दीयों से सजाते हैं और प्रदोष काल के समय में दीप जलाते हैं. इस दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि देव दीपावली पर दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है? देव दीपावली के शुभ मुहूर्त कौन-कौन से हैं?

देव दीपावली 2024 दीप जलाने का मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरूआत: 15 नवंबर, शुक्रवार, सुबह 6 बजकर 19 मिनट सेकार्तिक पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: 16 नवंबर, शनिवार, तड़के 2 बजकर 58 मिनट परदेव दीपावली पर दीपक जलाने का शुभ समय: शाम 5:10 बजे से शाम 7:47 बजे तक

देव दीपावली 2024 भद्रा काल
देव दीपावली के दिन भद्रा है. उस दिन भद्रा सुबह 6 बजकर 44 मिनट से शाम 4 बजकर 37 मिनट तक है. यह स्वर्ग की भद्रा है क्योंकि इसका वास स्वर्ग में है. इसका अशुभ प्रभाव पृथ्वी पर होता है.

देव दीपावली 2024 मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:58 ए एम से 05:51 ए एमअभिजीत मुहूर्त: 11:44 ए एम से 12:27 पी एमविजय मुहूर्त: 01:53 पी एम से 02:36 पी एमअमृत काल: 05:38 पी एम से 07:04 पी एमनिशिता मुहूर्त: 11:39 पी एम से 12:33 ए एम, 16 नवंबर

देव दीपावली 2024 अशुभ मुहूर्त
राहुकाल: 10:45 ए एम से 12:06 पी एमगुलिक काल: 08:04 ए एम से 09:25 ए एम

देव दीपावली 2024 शुभ चौघड़िया मुहूर्त

दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य मुहूर्त: 06:44 ए एम से 08:04 ए एमलाभ-उन्नति मुहूर्त: 08:04 ए एम से 09:25 ए एमअमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 09:25 ए एम से 10:45 ए एमशुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:06 पी एम से 01:26 पी एमचर-सामान्य मुहूर्त: 04:07 पी एम से 05:27 पी एम

रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 08:47 पी एम से 10:26 पी एमशुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:06 ए एम से 01:46 ए एम, 16 नवंबरअमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 01:46 ए एम से 03:25 ए एम, 16 नवंबरचर-सामान्य मुहूर्त: 03:25 ए एम से 05:05 ए एम, 16 नवंबर

देव दीपावली पर दीप जलाने का महत्व
भगवान शिव ने जब त्रिपुरासुर राक्षस का वध करके उसके अत्याचार से देवताओं, ऋषियों, मनुष्यों को मुक्ति दिलाई तो सभी देवी और देवता कार्तिक पूर्णिमा को काशी आए. वहां पर उन्होंने शिव आराधना की और दीप जलाए. देव दीपावली को शाम के समय में शिव पूजा करने और दीप जलाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शिव कृपा से कष्ट, रोग, दुख आदि से मुक्ति मिलती है.

 

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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