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इस नीले फूल से मनोकामनाएं होंगी पूरी, नाले में बहाने से शुक्र देने लगेगा शुभ परिणाम! जानिए विस्तार से

नीले रंग का फूल गुड़हल, कौमुदी, आक, अपराजिता और कमल का भी होता है. इसके अलावा कई जंगली फूल भी नीले होते हैं. नीले रंग का फूल शनिदेव के अलावा विष्णु, श्रीकृष्ण और लक्ष्मीजी को भी प्रिय है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं नीले फूल के कुछ ज्योतिष उपाय, जिनको आजमाकर आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं, संकटों को खत्म कर सकते हैं और धनवान बन सकते हैं. जानते हैं ऐसे 12 प्रमुख उपाय.

  1. यदि कुंडली में आठवें भाव में शुक्र ग्रह है तो उसके अशुभ परिणामों को कम करने के लिए कभी किसी से दान नहीं लेना चाहिए. तांबे का सिक्का या नीले फूल को लगातार 43 दिन तक गंदे नाले में फेंकना शुभ माना जाता है.
  2. इसके अलावा यदि शुक्र बारहवें भाव में बैठा है तो शुक्र ग्रह की पीड़ा कम करने के लिए सूर्यास्त के समय नीले रंग के फूल को जमीन में दबा देना शुभ माना जाता है. पत्नी (स्त्री) नीला फूल या फल सूर्यास्त (शाम) के समय किसी सुनसान जगह पर खोद कर दबाए, इससे स्वास्थ अच्छा रहेगा.
  3. विवाह में बार-बार बाधाएं और रूकावट आने पर व्यक्ति को सुनसान भूमि में लकड़ी से ज़मीन खोदकर नीले रंग का फूल दबाना चाहिए. शनि के दुष्प्रभाव के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा है तो शनिवार के दिन लकड़ी से भूमि खोदकर काला सुरमा दबाना चाहिए
  4. यदि षष्ठ भाव स्थित राहु समझ न आने वाला रोग दे रहा हो तो नीले फूलों से देवी सरस्वती (राहु की इष्ट देवी) की पूजा करनी चाहिए, इससे रोग से छुटकारा मिलता है.
  5. पांच टुकड़े फिटकरी, 6 नीले फूल और एक कमर में बांधने वाला बेल्ट नवमी के दिन देवी को चढ़ा दें. दसमी के दिन बेल्ट को किसी कन्य को दे दें, नीले फूल बहते पानी में डालें और फिटकरी के टुकड़े को संभालकर रख लें.
  6. साक्षात्कार देने जाते समय फिटकरी, नीले फूल अपने पास रखेंगे तो सफलता मिलेगी. दूसरा यह कि कारोबार से जुड़े किसी महत्वपूर्ण कार्य से जा रहे हैं तो ये फिटकरी के टुकड़े अपने पास रखेंगे तो सफलता मिलेगी. काम से लौट आएं, तब फिटकरी को ‍उचित स्थान पर संभालकर रख दें.
  7. शनिवार के दिन नीले रंग के अपराजिता के फूल से पीपल की पूजा करें और शनि महाराज को अर्पित करें तो शनि के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाएगा.
  8. शनि शांति और धन प्राप्ति हेतु किसी बहती नदी में नीले रंग के फूल बहाएं. यह उपाय प्रति शनिवार किया जाना चाहिए. फूल बहाते समय शनिदेव से सुख और शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए. शनि का संबंध में नीले रंग से बताया गया है. अत: नीले फूल इन्हें अत्यंत प्रिय माने गए हैं. इसी वजह से नीले फूल शनि देव के निमित्त बहाने से वे अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों के दुख या परेशानियों को दूर कर देते हैं. शनिदेव को नीले नीले लाजवन्ती के फूल भी चढ़ाने चाहिए.
  9. यदि आप घोर दरिद्रता का सामना कर रहे हैं तो भगवान श्रीकृष्ण को नीले रंग का फूल मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने के बाद चढ़ाएं. इसके लिए इन नियमों का पालन भी करें- पान न खाएं, किसी की निन्दा न करें, क्रोध न करें, झूठ न बोलें, दिन के समय न सोएं, तेल में बना हुआ खाना न खाएं, कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें, व्रत न रख सकें तो प्याज, लहसुन और चावल का सेवन न करें.
  10. प्रत्येक शुक्रवार को मंदिर में जाकर माता महालक्ष्मी को नीले कमल के फूल चढ़ाएं. किसी को वश में करने के लिए भी नीले कमल का इस्तेमाल किया जाता है.
  11. हर तरह के दुखों से छुटकारा पाने के लिए माता तारा देवी को कमल का सफेद या नीला फूढ़ चढ़ाने के साथ ही रुद्राक्ष के बने कानों के कुंडल, सूर्य शंख, नीले रंग के वस्त्र, अनार के दाने प्रसाद के रूप में और भोजपत्र पर ‘ह्रीं’ लिखकर चढ़ाना चाहिए. यह कार्य विधि-विधान और मंत्र जाप के साथ करेंगे तो तारा देवी प्रसन्न होकर भक्तों को तारने वाली बन जाती है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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