जयपुर:- आयुर्वेद और धार्मिक दृष्टि से चीकू का विशेष महत्व है. चीकू एक सदाबहार पेड़ होता है. इस पेड़ का तना चिकना होता है. यह पेड़ धीमी गति से बढ़ने वाला पेड़ है. गार्डनिंग एक्सपर्ट रमेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि चीकू का पेड़ 25 से 35 फीट ऊंचाई तक हो सकता है, इसकी पत्तियां गहरे हरे रंग की चमकदार होती है. किसान चीकू की बागवानी करके आर्थिक समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं. चीकू का पौधा तीन से चार साल बाद ही फल देना शुरू कर देता है. इस पेड़ पर एक साल में दो बार फल लगते हैं.
कैसे करें चीकू के पेड़ की देखभाल
गार्डनिंग एक्सपर्ट रमेश कुमार ने बताया कि चीकू के पौधे को नियमित रूप से पानी देना जरूरी होता है. सर्दियों में 30 दिनों के अंतराल पर और गर्मियों में, 12 दिनों के अंतराल पर पानी देना ठीक माना जाता है. चीकू के पौधे को पर्याप्त धूप भी मिलनी चाहिए. पौधे में केमिकल खाद की जगह गोबर की खाद का इस्तेमाल करें, तो ज्यादा अच्छा होता है. अगर चीकू के पेड़ पर कीट लग जाए, तो नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए. पानी देने के बाद, अतिरिक्त पानी निकलने के लिए, हमेशा पर्याप्त जल निकासी छेद वाले गमले का प्रयोग करना चाहिए.
कैसे होता है चीकू फायदेमंद
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने Local 18 को बताया कि चीकू फल में कई प्रचुर मात्रा में विटामिन बी, सी, ई, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैंगनीज, फाइबर, मिनरल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. आयुर्वेद में चीकू के पत्तों, जड़ और छाल का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. जगन्नाथ डॉट कॉम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.