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इतिहास रचने से चूक गई भाजपा, जम्मू-कश्मीर ने फिर लिखी नई कहानी, नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस गठबंधन को पूर्ण बहुमत

नई दिल्ली। रूझानों से नतीजों की ओर बढ़ रहे जम्मू कश्मीर ने एक बार फिर नई कहानी लिखी है। यहां नेशनल कांफ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है। नेकां ने कांग्रेस के साथ चुनावी गठबधन किया था। यह गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आता दिख रहा है। वहीं 90 सीटों वाले जम्मू कश्मीर विधानसभा में भाजपा भी 28 सीटों के साथ टक्कर देती नजर आई। नेशनल कांफ्रेंस करीब 39 सीटों पर आगे है, जब कांग्रेस को भी 8 सीटें मिलती दिख रही है। यहां बहुमत का जादुई आंकड़ा 46 का है। गौर करने वाली बात ये है कि रुझानों में घाटी में भाजपा का खाता खुलता दिख रहा है और शोपियां सीट पर बीजेपी उम्मीदवार जाविद अहमद कादरी आगे चल रहे हैं। वहीं 8 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी बाजी मारते नजर आ रहे हैं। अगर रुझानों में थोड़ा बहुत भी बदलाव होता है और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन बहुमत से पीछे रहता है तो ऐसी स्थिति में निर्दलीय और अन्य उम्मीदवारों की भूमिका अहम हो जाएगी। ऐसी स्थिति में बीजेपी भी खुद के लिए मौका ढूंढने की कोशिश करेगी। हालांकि माना जा रहा है कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब रहेंगे। रूझानों के नतीजों में बदलने के बीच आंकड़ों में आंशिक बदलाव चल रहा है।

सभी मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। ऐसे में देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें इसके नतीजों पर टिकी हुई थी। 2018 में भाजपा और पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) का गठबंधन टूटने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू था। 10 साल बाद चुनाव हुए हैं। चुनावी ऐलान से पहले भाजपा ने यहां काफी तैयारियां कर रखी थी। चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक ने काफी पसीना बहाया था। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतगणना के बाद आज 90 विधायक चुन लिए जाएंगे। इसके साथ ही यहां उपराज्यपाल 5 विधायकों को नामित करेंगे। जिसके बाद विधायकों की संख्या 95 हो जाएगी।

राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। पूर्ण बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 46 सीटों की दरकार है। इस आंकड़े को नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस मिलकर छू रहे हैं। इस बार भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अलग-अलगचुनाव लड़ा। नतीजों में इसका असर भी नजर आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुए हैं। पहले चरण में 18 सितंबर को 24 सीटों पर मतदान हुआ। दूसरे चरण में 26 सीटों पर 25 सितंबर को वोटिंग हुई। तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को 40 सीटों पर मतदान हुआ था। इन 90 सीटों पर मतगणना आज सुबह प्रारम्भ हुई। शाम तक नतीजे घोषित हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में 873 उम्मीदवार मैदान में थे। मतगणना के बाद नतीजे आते ही इनके भाग्य का फैसला हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में मतगणना केंद्र बनाए गए थे। यहां 700 पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया गया। इसके साथ ही सुरक्षा के लिए 10 हजार से ज्यादा अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात हैं।

भाजपा से कम वोट मिले, पर सीटें ज्यादा

जम्मू-कश्मीर चुनाव में दोपहर तक के रुझानों में भाजपा को सबसे ज्यादा वोट मिले। इसके उलट कम वोट मिलने के बावजूद नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी सबसे ज्यादा सीटों पर बढ़त पर रहे। भाजपा को अभी तक के रुझानों में 26.49 प्रतिशत, आईएनसी को 12.54 प्रतिशत वोट, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 23.14 प्रतिशत, पीडीपी को 8 प्रतिशत, निर्दलियों को 24.74 प्रतिशत तो शेष वोट अन्य को मिले। इधर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख मेहबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने एक्स पर पोस्ट कर जनता के फैसले को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा है कि बिजबेहरा में सभी से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा। इस अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले पीडीपी कार्यकर्ताओं का भी उन्होंने आभार जताया है।

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