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नजदीक आया मॉनसून की विदाई का समय, इस दिन से सताएगी गर्मी; मौसम पर बड़ा अपडेट

मौसम विभाग ने सितंबर महीने को लेकर एक बड़ा अनुमान जाहिर किया है। इसके मुताबिक उत्तर पश्चिम समेत देश के अधिकतर हिस्सों में सितंबर का आखिरी हिस्सा थोड़ा गर्म रहेगा। मौसम के संकेतों से पता चल रहा है कि उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून 22 सितंबर तक सिमट रहा है। अगर यह भविष्यवाणी सही साबित होती है तो पिछले आठ साल में पहली बार ऐसा होगा जब बरसात का मौसम थोड़ा जल्दी खत्म होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर अधिक तापमान के रूप में देखने को मिलेगा। अक्टूबर की शुरुआत में ठंड के दस्तक देने से पहले सितंबर के आखिर में गर्मी थोड़ा सताएगी। भारतीय मौसम विभाग के निदेशक मोहपात्रा ने कहा कि 19 सितंबर तक तापमान सामान्य रहेगा। लेकिन इसके बाद यह सामान्य से अधिक होगा। उन्होंने अनुमान जताया कि 19 सितंबर के बाद उत्तर पश्चिम भारत में बरसात में कमी आ सकती है। हालांकि विशेषज्ञों ने इस साल ला नीना के असर के चलते अधिक ठंड पड़ने का अनुमान जताया है।मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान के मुताबिक 26 सितंबर से तीन अक्टूबर के बीच पूर्वी भारत को छोड़ देश के अन्य हिस्सों में बारिश होने के आसार बेहद कम हैं। गौरतलब है कि सितंबर का पहले हिस्से में देश के विभिन्न इलाकों में बरसात हुई है। एक जून से देश में ओवरऑल 8 फीसदी अधिक बारिश हुई है। अगर क्षेत्रीय आधार पर बांटें तो उत्तर पश्चिम में 7 फीसदी अधिक, मध्य में 18 फीसदी अधिक और दक्षिणी प्रायद्वीप में 20 फीसदी अधिक बारिश हुई है। वहीं, उत्तर पूर्वी हिस्से में बारिश में 15 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। अब अधिकारी इंतजार कर रहे हैं कि अल नीनो से ला नीना के बदलाव वाले साल में ठंड किस अंदाज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है।

मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ के पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा कि ठंड का आना वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के रुख पर निर्भर करता है। हालांकि ला नीना के वर्ष में अनुमान है कि इस साल अधिक ठंड पड़ेगी। बता दें कि अल नीनो और ला नीना प्रशांत महासागर में प्रकट होने वाले तापमान चक्रों का उल्लेख करते हैं। जिसका वैश्विक मौसम पर प्रभाव पड़ता है। अल नीनो तब होता है जब भूमध्यरेखीय प्रशांत सामान्य से अधिक गर्म होता है। इससे भारत में गर्मी बढ़ती है। वहीं, ला नीना इसके ठीक उलट असर दिखाता है।

एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि अनुमान है कि मॉनसून इस महीने के अंत तक सिमट जाएगा। स्काईमेट वेदर के वाइस प्रेसीडेंट महेश पालावत ने कहा कि ऐसा लगता है कि उत्तरी हवाओं के चलने के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज होनी शुरू हो जाएगी। हालांकि ठंड बढ़ेगी या फिर तापमान में हल्की-फुल्की गिरावट आएगी, यह बताना कठिन है। यह तब होगा जब पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी क्षेत्र पर असर दिखाना शुरू कर देगा। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर से आने वाले तूफानों को कहा जाता है, जिससे मैदानी इलाकों में बारिश और हिमालय में बर्फ आती है। इसी के चलते उत्तर भारत में ठंडी हवाएं चलती हैं।

पिछले साल की बात करें तो 22 सितंबर को मॉनसून खत्म हुआ था, वहीं, 2022 में 30 सितंबर को ऐसा हुआ था। वर्तमान में गंगीय पश्चिम बंगाल पर एक गहरा दबाव बना हुआ है, जिसके उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है। इसके आगे बढ़ने पर सोमवार तक झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार में बहुत भारी से बहुत ज्यादा भारी (20 सेमी से अधिक) बारिश होने का अनुमान है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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