बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के लिए पुलिस-फोर्स पूरा दमखम लगा रही है। हर दिन चुनौतियों का सामना कर जवान नक्सलियों के गढ़ में पहुंच रहे हैं। बस्तर में नक्सलियों की गोलियों से पहले जवानों को कुदरत से लड़ना पड़ता है। बारिश में भी ऑपरेशन जारी है। जवान उफनते नदी-नाले पार कर रहे हैं। ड्यूटी के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से पिछले 2 दिनों में 3 जवान भी शहीद हो गए हैं।दरअसल, जवानों के उफनते नदी-नाले पार करते हुए का वीडियो सामने आया है। ये वीडियो सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के जंगल का है। इस वीडियो में नदी के दोनों छोर में जवानों ने रस्सी बांधी है। फिर एक-एक कर खुद भी पार कर रहे हैं। ग्रामीणों को भी पार करवा रहे हैं। बारिश के दिनों में जान जोखिम में डालकर जवान ऑपरेशन कर रहे हैं।
30 किमी पैदल चले, नक्सलियों को खदेड़ा
पुलिस की मानें तो गारूम, कोत्तापल्ली, नागाराम, नेडूम, तोयापारा, सिमेल, गोगुंडा, डोगिनपारा और आस-पास के इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। भारी बारिश में जवान नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन पर निकले थे। करीब 30 किमी पैदल चले। फिर सुबह करीब 5 बजे जब जवान नक्सलियों के ठिकाने में पहुंचे तो नक्सली अपना हथियार- बारूद सब छोड़कर भाग निकले। सामान बरामद कर जवान लौट आए हैं।
पिछले 8-9 दिनों में 3 बड़े एनकाउंटर
बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज हो गया है। नक्सलियों के गढ़ में घुसकर पिछले 8-9 दिनों में जवानों ने 18 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इनमें DKSZC, DVCM, ACM रैंक के नक्सली हैं। जबकि 8 महीने में 153 माओवादी मारे गए हैं। 669 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। 656 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
3 जवान हुए शहीद
- बारसूर के टेमरू भाटापारा के पास CRPF का नक्सल विरोधी प्रशिक्षण केंद्र है। 6 सितंबर को केंद्र में CRPF 111 बटालियन के जवान मौजूद थे। सारे जवान ऑन ड्यूटी थे। वहीं शाम करीब 3 से 4 बजे के बीच प्रशिक्षण केंद्र पर आकाशीय बिजली गिर गई। जिसकी चपेट में CRPF 111 बटालियन के जवान धर्मेंद्र कुमार और एस. शहुअट आलम आ गए। दोनों शहीद हो गए।
- 5 सितंबर को बीजापुर जिले में नक्सल ऑपरेशन पर निकले एक जवान पर आकाशीय बिजली गिर गई। अस्पताल लाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। शहीद जवान का नाम कमलेश हेमला (23) है। वे बस्तरिया बटालियन में पदस्थ थे।