देश दुनिया

भारत पहुंचा दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज, जल सलामी से हुआ भव्य स्वागत

दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज एमएससी इरिना (MSC Irina) सोमवार सुबह भारत के विणिंगम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुंचा. यह जहाज दक्षिण एशिया के किसी बंदरगाह पर पहली बार आया है और इसके आगमन को भारत के लिए वैश्विक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.

जल सलामी से MSC इरिना का स्वागत

एमएससी इरिना ने सोमवार सुबह सुबह 8 बजे विणिंगम पोर्ट पर दस्तक दी. इसके स्वागत में पारंपरिक जल सलामी दी गई, जो भारत के समुद्री आतिथ्य की संस्कृति का प्रतीक है.

विणिंगम पोर्ट की क्षमता का पहला बड़ा परीक्षण

इस जहाज का आगमन विणिंगम गहरे पानी वाले बंदरगाह के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह वही बंदरगाह है, जिसका औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मई 2025 को किया था. इस विशाल जहाज को हैंडल करना बंदरगाह की उच्च क्षमता और आधुनिक सुविधाओं को दर्शाता है.

एमएससी इरिना की तकनीकी खासियत और क्षमताएं

  • वहन क्षमता: 24,346 टीईयू (ट्वेंटी फुट एक्विवैलेंट यूनिट्स)
  • लंबाई: लगभग 399.9 मीटर
  • चौड़ाई: 61.3 मीटर
  • तुलना में, यह जहाज फीफा के एक मानक फुटबॉल मैदान से चार गुना लंबा है.
  • इसे एशिया और यूरोप के बीच भारी मात्रा में कंटेनर परिवहन के लिए डिजाइन किया गया है.

भारत की लॉजिस्टिक्स शक्ति में इजाफा

अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर कहा, “दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज एमएससी इरिना का विणिंगम बंदरगाह पर स्वागत करते हुए गर्व हो रहा है. इसका दक्षिण एशिया में आगमन न सिर्फ विणिंगम के लिए, बल्कि भारत की ट्रांसशिपमेंट हैब के रूप में उभरती भूमिका का भी संकेत है.”

व्यापार और लॉजिस्टिक्स के लिए नया अध्याय

एमएससी इरिना के आगमन से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक समुद्री व्यापार के नक्शे पर एक प्रमुख स्थान लेता जा रहा है. इस तरह के विशाल कंटेनर जहाजों को संभालने की क्षमता भारत को ट्रांसशिपमेंट और कंटेनर लॉजिस्टिक्स में एक मजबूत विकल्प बनाती है.

दक्षिण एशिया का गेटवे बना विणिंगम बंदरगाह

एमएससी इरिना का आगमन सिर्फ एक जहाज के आने की घटना नहीं, बल्कि भारत की समुद्री क्षमताओं, लॉजिस्टिक्स नेटवर्क और वैश्विक व्यापार में भूमिका की पुष्टि है. विणिंगम बंदरगाह अब केवल एक नया पोर्ट नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया का गेटवे बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button