हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर का भाद्रपद माह विशेष महत्व वाला होता है. इस माह में जहां भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश करने के लिए श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया था, वहीं भाद्रपद माह संतान सुख चाहने वालों के लिए भी खास है. भाद्रपद शुरू होते ही विशेष लाभ प्रदान करने वाला चंदन षष्टी का व्रत होगा. भाद्रपद माह में जो जातक संतान सुख प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए चंदन षष्टी का व्रत विशेष लाभ प्रदान करने वाला है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंदन षष्टी का व्रत भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की षष्टी तिथि को रखने का विधान है. चंदन षष्टी का व्रत धन-धान्य से परिपूर्ण और सभी मनोरथ पूरे करने वाला व्रत होता है. वहीं यह व्रत परिवार की सुख शांति के लिए भी किया जाता है.उत्तराखंड के हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने चंदन षष्टी व्रत के बारे में कि संपूर्ण वर्ष आने वाले त्योहारों का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. ऐसे ही भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्टी तिथि को चंदन षष्टी व्रत किया जाता है. इस साल चंदन षष्टी का व्रत 24 अगस्त को किया जाएगा. यह व्रत सभी मनोरथ पूरे करने के लिए, घर में सुख शांति और रुके हुए सभी कार्य पूरे करने के लिए किया जाता है.सुहागिन महिलाएं रखती हैं व्रत
पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि चंदन षष्टी का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित होते हैं, उनके लिए यह व्रत संतान सुख को देने वाला है, जिसमें सूर्यदेव और चंद्रदेव के निमित्त पूजा-पाठ व व्रत किया जाता है. वह बताते हैं कि व्रत के दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा-पाठ करें. वे फलाहार का सेवन कर सकती हैं. रात्रि में यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूरा किया जाता है. इस व्रत को पूरे विधि विधान से करने से सूनी गोद भरती है, साथ ही रुके हुए सभी कार्य पूरे होते हैं. वहीं परिवार में सुख-शांति, खुशहाली बनी रहती है. साथ ही सूर्यदेव और चंद्रदेव की कृपा परिवार पर बनी रहती है.
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