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बारिश-बाढ़ से बिगड़ने लगे हालात, पूरा छत्तीसगढ़ हुआ तरबतर, बस्तर सबसे ज्यादा प्रभावित, सरगुजा के लिए भी चेतावनी

रायपुर (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। मानसून की आवक के बाद से बारिश को तरस रहा छत्तीसगढ़ अब तरबतर हो गया है। राज्य के कई इलाकों में लगातार बारिश से हालात बिगडऩे लगे हैं। खासतौर पर बस्तर संभाग में बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। यहां कई पुल और पुलिया पानी के बहाव में बह गए हैं। इससे कई इलाकों का सम्पर्क भी कट गया है। मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों तक भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। आज शुक्रवार को ही 20 जिलों के लिए चेतावनी जारी की गई है। इनमें पांच जिलों के लिए ऑरेज एलर्ज भी जारी किया गया है। 1 अगस्त तक प्रदेश में कुल 614.4 एमएम बारिश हो चुकी है। इस बीच बालोद, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कांकेर, नारायणपुर, मोहला मानपुर, सुकमा में जोरदार बारिश रिकॉर्ड की गई है।

बीजापुर में प्रदेश में सबसे अधिक 1406 एमएम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के 9 जिलों में कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इन जिलों में सबसे ज्यादा जिले सरगुजा संभाग के हैं। हालांकि शुक्रवार को अति से भारी बारिश का अलर्ट सरगुजा संभाग के लिए भी जारी किया गया है। प्रदेश में 20 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें सरगुजा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जशपुर, मुंगेली, बिलासपुर, रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, कबीरधाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मोहला मानपुर-अंबागढ़-चौकी, राजनांदगांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर में भारी बारिश का अलर्ट है। वहीं, मौसम विभाग रायपुर ने पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में कोरिया, सूरजपुर, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरबा और बलरामपुर शामिल हैं।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में जून और जुलाई महीने में सबसे कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इस संभाग में हालत यह रहे कि किसानों को जुलाई के महीने में भी अच्छी बारिश का इंतजार था। जबकि दक्षिण छत्तीसगढ़ में 10 जून से अच्छी बारिश शुरू हो गई थी। इसके चलते इन क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। अगस्त के महीने में सरगुजा संभाग में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है।

सरगुजा में खूब बरसेंगे बदरा
छत्तीसगढ़ के ज्यादातर इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, बिलासपुर व सरगुजा संभाग में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। अनेक इलाकों में रूक-रूककर बारिश होने और बादल छाए रहने से तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 27.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम रहा। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में गिरावट रही। कल प्रदेश भर में सर्वाधिक बारिश डौंडी (बालोद जिला) में 9 सेमी हुई। इसके साथ ही खडग़ाव-चांदो में 8 सेमी, बैकुंठपुर-कटघोरा-राजनांदगांव में 7 सेमी, बीजापुर 5 सेमी बारिश हुई। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मौसम का मिजाज अभी ऐसा ही बना रहेगा। अभी तक की स्थिति में प्रदेश में सामान्य से 8 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई है।

बन रहा है नया सिस्टम
मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर श्रीगंगानगर, रोहतक, हरदोई और उसके बाद दक्षिण पूर्व की ओर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। साथ ही ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम बंगाल व उससे लगे दक्षिण बांग्लादेश के ऊपर स्थित है। इसके प्रभाव से शुक्रवार को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। इसके साथ ही बिलासपुर संभाग व सरगुजा संभाग में भारी बारिश के आसार है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी कुछ दिनों तक मौसम ऐसे ही बने रहने की संभावना है। साथ ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहेगा। बता दें कि इन दिनों प्रदेश के अधिकांश जगहों पर अच्छी बारिश हो रही है। इसकी वजह से नदी-नाले उफान पर हैं। गांवों में बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। छोटे-छोटे पुलों के टूटने या फिर जलभराव की वजह से ग्रामीणों की आवाजाही भी बंद हो रही है। प्रदेशभर में बारिश की वजह से अब ठंड भी बढऩे लगी है।

बस्तर में हालात बिगड़े
मानसूनी सीजन में मैदानी इलाकों में भले ही फिलहाल बाढ़ जैसे हालात न हों, लेकिन बस्तर के बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। एक हफ्ते की बारिश एक पुलिया बहा ले गई और कई सड़कों की मिट्टी, मुरुम काटकर उनको आधा कर दिया। हालात यह हैं कि इन सड़कों पर आवाजाही मुश्किल हो रही है। मानसून का अभी आधा सीजन बाकी है, यहां रुक- रुक कर बारिश हो रही है। जाहिर है कि भारी बारिश मुसीबत बढ़ाने वाली है। मानसून सक्रिय होने के बाद बस्तर के दक्षिणी क्षेत्रों में बाढ़ के हालात रहे हैं। यहां हाइवे तक पानी भर चुका था। भारी बारिश ने पुलिये और सड़कों को खासा नुकसान पहुंचाया है। सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले की दो सड़कें, कोंडागांव जिले की संबंलपुर में एक और बस्तर जिले के पखनार की सड़क बेहद खराब हो चुकी है। एक तरह से मुरुम, मिट्टी के बहाव के साथ यहां आवागमन मुश्किल हो गया है।

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