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एमजंक्‍शन ने 17वीं इंडियन कोल मार्केट्स कॉन्‍फ्रेंस का आयोजन किया

भारत की सबसे बड़ी बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी एमजंक्‍शन सर्विसेस लिमिटेड ने आज से कोलकाता के ताज बंगाल में अपनी दो-दिवसीय 17वीं इंडियन कोल मार्केट्स कॉन्‍फ्रेंस शुरू कर दी है। इस कॉन्‍फ्रेंस का थीम है ‘‘ब्‍लैक टू ग्रीन: बिल्डिंग ए सस्‍टेनेबल फ्यूचर फॉर कोल’’। यह उद्योग प्रमुखों को एक मंच देता है, जहाँ वे कोल सेक्‍टर में हो रहे बदलावों को समझ सकते हैं।

कॉन्‍फ्रेंस में उन महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जो वैश्विक भू-राजनैतिक संकट के समय एनर्जी सेक्‍टर और कोल सेक्‍टर के सामने खड़े हैं। इस वक्‍त उत्‍सर्जनों पर नियंत्रण और डीकार्बनाइजेशन का अभियान भी चल रहा है। ऊर्जा के मामले में भारत की ट्रांजिशन यात्रा का विकास और जीवाष्‍म ईंधन तथा नवीकरण योग्‍य ऊर्जा का बेहतरीन मिश्रण उन महत्‍वपूर्ण मुद्दों में शामिल हैं, जिन पर कॉन्‍फ्रेंस के पहले दिन चर्चा हुई। वाणिज्यिक कोयला खनन और ऊर्जा के वैश्विक व्‍यापार की गतिकी को समर्पित सत्र भी हुए।

स्‍वागत सम्‍बोधन करते हुए, एमजंक्‍शन सर्विसेस लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ श्री विनय वर्मा ने कहा, ‘‘आज कोयले की मांग सिर्फ बिजली बनाने के लिये नहीं, बल्कि दूसरे उपयोगों के लिये भी है, जैसे कि कोल-गैसिफिकेशन, स्‍टील बनाना और अन्‍य उद्देश्‍य। लेकिन जब हम पीछे मुड़कर थर्मल एनर्जी के लिये कोयले की मांग में बढ़ोतरी देखते हैं, तब कार्बन के उत्‍सर्जन को लेकर चिंताएं होती हैं। इस साल की कॉन्‍फ्रेंस का थीम इसी संदर्भ में चुना गया है।’’

अपने मुख्‍य सम्‍बोधन में भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने कहा, ‘‘भारत में कोयले की खपत कई सालों तक बढ़ती रहेगी, लेकिन 2040 में यह अपने चरम पर होगी। अब हम निजी क्षेत्र की कई कंपनियों को कोयले की खदानों की वाणिज्यिक नीलामी में अंडरग्राउंड (यूजी) खदानें लेते देख रहे हैं। महज ट्रांजिशन के लिए कोयले की खदान को बंद करने का काम वैज्ञानिक तरीके से होना चाहिये। इसमें वनीकरण, सोलर पार्क्‍स और पम्‍प स्‍टोरेज प्रोजेक्‍ट्स द्वारा आजीविका की सुरक्षा होनी चाहिये। कोयले का पूरा ट्रांजिशन एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिये वैश्विक सर्वश्रेष्‍ठ पद्धतियों को अपनाने की जरूरत होगी।’’

कोल इंडिया लि. के निदेशक (तकनीकी) डॉ. बी. वीरा रेड्डी ने नई परियोजनाओं की वृद्धि और उत्‍पादन के रोडमैप पर अपनी बात रखते हुए कहा, ‘‘हम 2025-26 तक 1 बिलियन टन कोयले का उत्‍पादन करने की योजना बना रहे हैं। 2030 तक हमारी कोल लोडिंग पूरी तरह से मेकैनाइज्‍़ड होगी।’’

कॉन्‍फ्रेंस के साथ हुई एक प्रेस वार्ता में श्री वर्मा ने कहा, ‘‘एमजंक्‍शन को लिंकेज ई-ऑक्‍शंस के संचालन हेतु सीआईएल के विशेष सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्‍त किया गया है। और हमने 28 दिसंबर 2023 को सीआईएल के लिये पूरी तरह से नया एक प्‍लेटफॉर्म लॉन्‍च किया है।’’

श्री वर्मा ने आगे बताया कि अब तक एमजंक्‍शन ने सीमेंट, स्‍पन्‍ज आयरन और पावर सेक्टर्स के लिये लिंकेज ऑक्‍शंस का संचालन किया है। इनमें लगभग 15 मिलियन टन कोयला था। कैप्टिव पावर प्‍लांट्स, स्‍टील (कोकिंग कोल) और सिंगास के लिये लिंकेज ऑक्‍शंस जल्‍दी ही शुरू होंगे। एमजंक्‍शन सीआईएल के साथ मिलकर उसकी डिजिटाइजेशन की कुछ पहलों के लिये काम कर रहा है। एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि में इसने लिंकेज ऑक्‍शंस जीतने वालों के लिये कोल इंडिया के फ्यूल सप्‍लाय एग्रीमेंट्स (एफएसए) की डिजिटल साइनिंग को तैयार और क्रियान्वित भी किया है।

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