अजब गजब

30 साल बाद बेटे ने खोला दिवगंत पिता का संदूक, मिली ऐसी चीज फूल गए हाथ-पांव, बुलानी पड़ी आर्मी

एक महिला को अपने दिवंगत पिता के संदूक से एक ऐसी चीज मिली, जिसे देखकर सब हैरान रह गए। इस चीज को देखकर घर वाले ऐसे घबराए कि उन्होंने आर्मी के लोगों को बुला लिया। ये मामला कनाडा के क्यूबेक का है। यहां के रहने वाले केड्रिन सिम्स ब्राचमैन ने सीटीवी न्यूज को इंटरव्यू के दौरान बताया कि वो और उनके परिवार के कुछ सदस्य अपने घर की सफाई कर रहे थे, जिसमें उनके पिता फ्रैंक रहते थे, लेकिन अक्टूबर में उनकी डेथ हो गई थी।

केड्रिन ने बताया कि सफाई के दौरान उनको उनके पिता फ्रैंक का एक पुराना टूल बॉक्स मिला। इसे देखकर पहले तो वे काफी खुश हुए कि यह उनके दिवंगत पिता का सामान है, इससे उनकी यादें जुड़ी हैं। वे इसे प्यार से खोलकर देखने लगे। लेकिन इसी दौरान उन्हें इस बॉक्स में कुछ ऐसा नजर आया जिसे देखकर उनके ‘हाथ पांव फूल गए’।

बक्से में रखा हुआ था लाइव ग्रेनेड

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस बॉक्स में लाइव ग्रेनेड रखा हुआ था। केड्रिन ने बताया कि उन्होंने इस ग्रेनेड को दशकों पहले अपने घर में देखा था, लेकिन बाद में उन्हें लगा कि यह बहुत पहले ही गायब हो चुका है, लेकिन वो गलत थे। ये लाइव ग्रेनेड तो आज तक घर में रखा हुआ था। ये हमारी जान के लिए बड़ा खतरा था। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो तुरंत क्या ऐक्शन लें।

सालों तक खतर के बीच रहा परिवार

कुछ समय बाद केड्रिन ने समझदारी दिखाते हुए पुलिस से संपर्क किया। जब एक पुलिस अधिकारी उनके घर आया तो उसने कहा कि कनाडाई सेना को घर बुलाने की जरूरत होगी। जब कनाडाई सेना के जवान घर पहुंचे और उन्होंने इस ग्रेनेड को देखना तो वे भी हैरान रह गए, क्योंकि इतने साल पुराना ग्रेनेड आज भी लाइव ग्रेनेड था, यानी कि अगर इसकी पिन निकाल दें तो ये फट सकता था। केड्रिन ने बताया कि सेना के जवानों ने इस ग्रेनेड को सुरक्षित रख लिया और अपने साथ लेकर चले गए।

30 साल से घर में रखा था बॉक्स

केड्रिन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मुझे लगभग 30 साल पहले की बात याद है, जब मेरे पिता फ्रैंक इस ग्रेनेड को मेरे दादाजी के घर से लाए थे। हम सभी ने उनसे इससे छुटकारा पाने के लिए कहा और सोचा कि उन्होंने इसे फेंक दिया होगा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यहां एक और हैरानी की बात है कि कई बार घर बदले जाने पर ये हमारे सामान में ही था और हमें पता नहीं था। ऐसे में हमारे साथ कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था।”

Manoj Mishra

Editor in Chief

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