नतीजों के बाद अब सरकार गठन की तैयारी चल रही है. एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दल 7 जून को राष्ट्रपति द्रोप्ति मुर्मू से मुलाकात करने वाले हैं, जहां नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो जवाहरलाल नेहरू के बाद तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी पहले नेता होंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार गठन की प्रक्रिया पर तेजी से काम करें. एनडीए की बुधवार को हुई बैठक में सरकार बनाने पर चर्चा हुई. कहा जा रहा है कि इसमें इस बात पर भी चर्चा की गई कि एनडीए के सहयोगी दलों को कौन से मंत्रालय सौंपे जाने हैं. खबर है कि टीडीपी और जेडीयू ने गृह, रक्षा, वित्त, रेल जैसे बड़े मंत्रालयों की मांग रख दी है.
‘सरकार बनाने में नहीं होनी चाहिए देरी’- नीतीश कुमार
एनडीए की बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने कार्यवाहक पीएम नरेंद्र मोदी को कहा, “जल्दी कीजिए. सरकार बनाने में देरी नहीं होनी चाहिए. हमें ऐसा जल्द से जल्द करना चाहिए.” उनके इस बयान से बीजेपी खुश होगी, क्योंकि ये उनके एनडीए से बाहर नहीं जाने का बड़ा सबूत है. बैठक में एनडीए के सहयोगियों ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है. एनडीए के 21 सदस्यों द्वारा साइन किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, “हमने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है.”
टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू नेता लल्लन सिंह और संजय झा शामिल थे. एनडीए की मीटिंग में सभी की निगाहें जेडीयू के नीतीश कुमार और टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू पर थी, जो इस बार सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं.
जेडीयू और टीडीपी के पास कितनी सीटें?
दरअसल, टीडीपी ने आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 16 सीटें जीतीं, जबकि जेडीयू ने बिहार की 40 में से 12 सीटें जीतीं. बीजेपी इस बार केवल 240 लोकसभा सीटों पर जीत के साथ बहुमत से पीछे रह गई है. सहयोगियों की मदद से एनडीए ने 293 सीटें हासिल की हैं और बहुमत के आंकड़े को पार किया है.