रजत महोत्सव में महिला एवं बाल विकास विभाग का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने किया महिला समूहों का सम्मान, विभाग के स्टॉल का किया अवलोकन
कवर्धा, नवम्बर 2025। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत महोत्सव के रूप में मनाए जा रहे तीन दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगाई गई स्टॉल आकर्षण का केंद्र रही। विभागीय स्टॉल का निरीक्षण करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने छत्तीसगढ़ महिला कोष अंतर्गत जय माँ दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह को एक लाख रूपए एवं पूर्णिमा यादव, द्रौपदी और चंपालता भाषत को 40-40 हजार रूपए के चेक वितरित किए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ’छत्तीसगढ़ के रजत महोत्सव’ पर रेडी-टू-ईट सामग्री से बने केक को काटकर सभी को शुभकामनाएँ दीं और प्रदेशवासियों को बधाई दी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की स्टॉल में विभाग की विभिन्न योजनाओं’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नवा बिहान योजना, महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, पोषण अभियान, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह रोकथाम, सखी (वन स्टॉप सेंटर), महिला हेल्पलाइन 181, छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना तथा मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण योजना की जानकारी आम नागरिकों को दी गई। विभागीय स्टॉल में छत्तीसगढ़ महतारी की भव्य प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसकी गोद में एक नन्ही बालिका की प्रतिमा स्थापित की गई थी। इस सृजनात्मक प्रस्तुति के माध्यम से ’“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”’ का सशक्त संदेश दिया गया। यह प्रतीकात्मक पहल आगंतुकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय रही और “सेल्फी जोन” के रूप में लोगों का केंद्र बिंदु बनी, जहाँ नागरिक ’“सेव द गर्ल चाइल्ड”’ का संदेश प्रसारित करते देखे गए।
इसके साथ ही स्टॉल में छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रदर्शनी’ भी आयोजित की गई, जिसमें पारंपरिक पकवानों’फरा, चीला, ठेठरी, खुर्मी, अइरसा, तिलगुड़ लड्डू, मुनगा भाजी, खट्टा भाजी’के साथ-साथ रेडी-टू-ईट दलिया से बने ’चीला और भजिया जैसे व्यंजन प्रदर्शित किए गए। इन व्यंजनों के माध्यम से आगंतुकों को छत्तीसगढ़ की समृद्ध पाक परंपरा, स्थानीय अन्नदाताओं के योगदान और पोषण के दृष्टिकोण से इन व्यंजनों के स्वास्थ्यवर्धक महत्व की जानकारी दी गई। महिला एवं बाल विकास विभाग की इस पहल का उद्देश्य समाज में ’लैंगिक समानता, बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा’ के प्रति जनजागरूकता फैलाना है, ताकि हर बेटी सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर हो सके। विभाग की यह संवेदनशील पहल नागरिकों को बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच अपनाने और उनके सशक्तिकरण में भागीदार बनने के लिए प्रेरित करती है।





