अमेरिका की नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2025 की पहली छमाही में H-1B वीजा मंजूरी में अमेजन सबसे आगे रहा। ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी अमेजन को 30 जून 2025 तक 10 हजार 44 वीजा मंजूरी मिली।
इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) दूसरे स्थान पर रही, जिसे 5505 वीजा मंजूरी मिली। वहीं माइक्रोसॉफ्ट 5189, मेटा 5123 और एप्पल 4202 तीसरे, चौथे और पांचवां स्थान पर रहे। ये सभी कंपनियां इंजीनियरिंग, रिसर्च और डेवलपमेंट जैसे विशेष क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए H-1B प्रोग्राम का उपयोग करती है।
ट्रंप ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया की आशंका जताते हुए कहा, “मुझे लगता है कि वे बहुत खुश होंगे”। हालांकि, टेक इंडस्ट्री में इस फैसले को लेकर चिंता गहराने लगी है। अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा, “अगर आपको किसी को ट्रेन करना है तो हमारे बेहतरीन विश्वविद्यालयों से हाल ही में ग्रेजुएट हुए अमेरिकी छात्रों को ट्रेन करो। बाहर से लोगों को मत लाओ जो हमारी नौकरियां ले जाएं।”
कितने प्रतिशत भारतीयों को मिला H-1B वीजा
बता दें, H-1B वीजा पाने वालों की सूची में भारत सबसे ऊपर बना हुए है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल भारत ने कुल 71% मंजूर हुए वीजा हासिल किए, जबकि चीन 11.7% के साथ दूसरे स्थान पर रहा।





