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फ्लाईओवर के पिलरों पर सजी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत, खूबसूरत चित्रकारी कर रही आकर्षित

भिलाई। नेशनल हाइवे 53 पर सुपेला से चंद्रा मौर्या व भिलाई पावर हाउस में बजे फ्लाईओवर के पिलरों पर आकर्षक चित्रकारी की गई है। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती यह चित्रकारी सड़क पर चल रहे लोगों को आकर्षित कर रही है। यह चित्रकारी न सिर्फ पिलरों को आकर्षक बना रही है बल्कि शहर की सुंदरता को भी बढ़ा रही है।

भिलाई शहर के महापौर नीरज पाल एवं आयुक्त राजीव कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में शहर के विभिन्न स्थलों में सांस्कृतिक एवं संदेशपूर्ण आकर्षक पेंटिंग्स बनाई जा रही है। छत्तीसगढ़ के संस्कृति, पारंपरिक त्यौहार और शहर के सौंदर्यीकरण करण के लिए यह कलाकृति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।  शहर की पहचान को नई ऊंचाई देने और स्थानीय संस्कृति को संजोने के उद्देश्य से सुपेला ओवर ब्रिज के दोनों पिलरों पर भव्य पेंटिंग्स बनाई जा रही है। वहीं दीवारों पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोक जीवन को उकेरने और उभारने का अनूठा प्रयास किया गया है।

पेंटिंग्स से शहर न केवल खूबसूरत हैं बल्कि आने वाली पीढियां को भी अपनी संस्कृति, त्योहार और परंपराओं की जानकारी मिलेगी। लोग जब यहां से गुजरेंगे, तो मात्र रंग नहीं देखेंगे, बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मा को महसूस करेंगे। यह अभियान शहर वासियों के लिए गर्व का विषय है जो बताता है कि कला सिर्फ सजावट का साधन नहीं, बल्कि संस्कृति, संदेश और पहचान का जीवंत दर्पण भी है। पेटिंग्स को बनाने वाले दुर्ग निवासी मनीष चंद्राकर जी हैं। जो इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से मास्टर ऑफ फाइन आर्ट की डिग्री प्राप्त किए हैं।

Untitled design

लोक परंपरा को कर रहे जीवंत
इन पेंटिंग्स के माध्यम से जहां एक और लोक कला और परंपराओं को जीवंत किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सामाजिक व पर्यावरणीय संदेश भी दिए जा रहे हैं । इन पेंटिंग्स में सबसे आकर्षक चित्रण पंडवानी गायिका पद्म विभूषण तीजन बाई का है जिन्होंने अपनी अद्भुत गायन शैली में छत्तीसगढ़ को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई है। इसके साथ-साथ हरेली तिहार का दृश्य ग्रामीण परिवेश की सादगी और परंपराओं को दर्शाता है। बेल कृषि उपकरण और लोकगीतों से सजे चित्र किस संस्कृति की झलक पेश कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण पर विशेष फोकस करते हुए जल बचाओ, जीवन बचाओ और पौधारोपण कर पर्यावरण बचाओ जैसे संदेश पिलरों पर उकेरे जा रहे हैं। यह पहल आम नागरिकों को प्रकृति के महत्व का एहसास कराती है। इसके साथ-साथ तीरथगढ़ जलप्रपात की भव्य पेंटिंग राहगीरों को आनंद के साथ प्राकृतिक धरोहर की याद दिलाती है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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