एमपी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों, अधिकारियों ने बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, अधिकारी नियमितिकरण व रिक्त पदों पर संविलियन सहित 8 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों, अधिकारियों पर लागू संविदा नीति 2025 में संशोधन के लिए यह चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। विशेष तौर पर सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से घटाकर 62 करने, पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ईएल एवं मेडिकल को पृथक करने, अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं करने का विरोध किया जा रहा है।संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि मप्र शासन द्वारा जारी की गई संविदा नीति 2023 के अनुसार सभी कंडिकाओं को पूर्ण रूप से कर्मचारियों पर लागू नहीं किया गया है। प्रदेशभर में एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में इसपर रोष है। ऐसे में एनएचएम के अंतर्गत प्रदेशभर के 32000 संविदा कर्मचारी 1 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। सभी कर्मचारी अब अनिश्चित कालीन हड़ताल रहेंगे। संविदा अधिकारी व कर्मचारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को हड़ताल की सूचना दी है।
क्या है मामला
प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने संविदा स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारियों के लिए कई घोषणाएं की जोकि पूरी नहीं की गईं। इसको लेकर कर्मचारी नाराज हैं। सभी अधिकारी कर्मचारी 1 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारियों ने 16 अप्रैल को एक दिन का सामूहिक अवकाश लिया था। इसके बावजूद सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं करने से असंतुष्ट 32 हजार स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।