हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन माता पार्वती व भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विधान है। अप्रैल माह में प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन होने के कारण शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से सुख-सौभाग्य व संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है। भगवान शिव की कृपा से भक्त को मनवांछित फल प्राप्त होता है। जानें अप्रैल में शुक्र प्रदोष व्रत कब है-अप्रैल में शुक्र प्रदोष व्रत कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 25 अप्रैल 2025 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर प्रारंभ होगी और 26 अप्रैल 2025 को सुबह 08 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में शुक्र प्रदोष व्रत 25 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा।
शुक्र प्रदोष व्रत पर शिव पूजन का मुहूर्त- हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम मानी गई है। शिव पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 09 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 10 मिनट की है।
शुक्र प्रदोष व्रत पर बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:19 ए एम से 05:02 ए एम
प्रातः सन्ध्या-04:40 ए एम से 05:46 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:53 ए एम से 12:45 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:23 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:52 पी एम से 07:13 पी एम
शुक्र प्रदोष व्रत पारण का समय- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करना चाहिए। शुक्र प्रदोष व्रत का पारण 26 अप्रैल 2025 को सुबह 05 बजकर 45 मिनट के बाद किया जा सकेगा।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।