अयोध्या। रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या में श्रीराम लला का सूर्य तिलक किया गया। देश भर के लोग इस विशेष पल के साक्षी बने। अभिजीत मुहुर्त में रविवार दोपहर ठीक 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह दूसरा सूर्य तिलक है। रामलला का सूर्य तिलक के दौरान मस्तक पर 4 मिनट तक किरणें पड़ीं। इस दौरान श्रीरामलला की रौनक देखते ही बन रही थी। मंदिर के बाद भगवान राम के जयकारें गूंजने लगे।

रामनवमी पर देशभर में उत्सव सा माहौल है। इस विशेष दिन पर भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या को आकर्षक रूप से सजाया गया। राममंदिर में पहुंचे भक्तों पर सरयू का पवित्र जल बरसाया गया। इसके दोपहर ठीक 12 बजे श्रीराम लला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया। सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया। मंदिर में आरती की गई। सूर्य तिलक से पहले कुछ देर के लिए रामलला के पट बंद किए गए। गर्भग्रह की लाइट बंद कर दी गई, ताकि सूर्य तिलक साफ नजर आए।


इस तरह हुआ सूर्य तिलक
सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के पाइप से सिस्टम बनाया गया। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक पर किरणें पहुंचाई गईं। मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं। यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंचीं। पाइप में लगे दर्पण से टकराकर किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गई। लंबवत पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे दर्पण से टकराईं। यहां से 90 डिग्री का कोण बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।

विदेशों से भी पहुंचे श्रद्धालु
रामनवमी पर रामलला का सूर्यतिलक का साक्षी बनने देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे। आने वाले भक्तों पर ड्रोन से सरयू के पवित्र जल की फुहारों से बारिश कराई गई। रामनगरी में दोपहर तक 5 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके थे और भक्तों का आना जारी रहा। इस खास मौके पर सुबह 9.30 बजे रामलला को पंचामृत से स्नान कराके शृंगार किया गया। वहीं रविवार की शाम को दीपोत्सव भी मनाया जाएगा। सरयू घाटों पर 2 लाख दीप जलाएंगे। सुरक्षा को देखते हुए मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। 1000 से ज्यादा CCTV मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए हैं। वहीं ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।
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