पहाड़ों पर आज भी लकडियां जलाकर खाना पकाया जाता है. जिसके बाद बची हुई राख और कोयले का उपयोग कई घरेलू नुस्खों में किया जाता है. शायद आपको यह जानकर हैरानी हो, लेकिन यह सच है कि पहाड़ों पर अधिकतर गांवों में आज भी लोग कोयले के एक टुकड़े से दांत साफ करते हैं. कोयला न केवल दांतों की सफाई के लिए कारगर होता है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी माना जाता है. पुराने समय में जब अधिक संसाधन नहीं थे, तब लोग कोयले को दंतमंजन के रूप में इस्तेमाल करते थे
बागेश्वर के स्थानीय जानकार किशन मलड़ा ने Local18 को बताया कि वर्तमान समय में दांत साफ करने के लिए बाजार में कई प्रकार के केमिकल युक्त प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. इनके अधिक उपयोग से अधिकतर लोगों को दांतों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि कम उम्र में ही कई लोगों के दांत खराब हो जाते हैं. अगर हम 50 साल पहले के समय की बात करें, तो उस समय लोगों को दांतों से संबंधित परेशानियां बहुत कम होती थीं.उस समय लोग कोयले से दांत साफ करते थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बदला, यह आदत पीछे छूटती गई. कोयले से दांत साफ करने के कई फायदे हैं. यह दांतों को प्राकृतिक रूप से चमकदार बनाए रखता है और पीलेपन को दूर करता है. इसके उपयोग से दांतों में कीड़ा नहीं लगता. जब कोयले से दांत साफ किए जाते हैं, तो इसके कुछ तत्व शरीर में भी चले जाते हैं, जिससे पेट संबंधी कई बीमारियां भी समाप्त हो जाती हैं. यही कारण है कि पुराने जमाने के लोग प्राकृतिक चीजों का यूज कर 100 साल तक स्वस्थ जीवन जीते थे.उन्होंने आगे कहा कि कोयले से दांत साफ करने के दो तरीके हैं. पहले तरीके में, कोयले के एक टुकड़े को हल्के हाथों से पांच मिनट तक दांतों पर रगड़ें और फिर कुल्ला कर लें. यह तरीका दांतों की सफाई के लिए काफी असरदार माना जाता है. दूसरे तरीके में, कोयले का पाउडर बनाकर इसका पेस्ट तैयार किया जाता है.उन्होंने आगे कहा कि कोयले से दांत साफ करने के दो तरीके हैं. पहले तरीके में, कोयले के एक टुकड़े को हल्के हाथों से पांच मिनट तक दांतों पर रगड़ें और फिर कुल्ला कर लें. यह तरीका दांतों की सफाई के लिए काफी असरदार माना जाता है. दूसरे तरीके में, कोयले का पाउडर बनाकर इसका पेस्ट तैयार किया जाता है.वहीं आगे कहा उत्तराखंड के कई गांवों में आज भी कोयले से दांत साफ करने की परंपरा जीवित है. पहाड़ों के पुराने बुजुर्ग इस प्राकृतिक तरीके को सबसे बेहतरीन मानते हैं. उनका मानना है कि कोयला न सिर्फ दांतों को साफ करता है, बल्कि कई तरह की दांत और मसूड़ों की समस्याओं से भी बचाव करता है.पुराने जमाने में लोग ब्रश और टूथपेस्ट का उपयोग नहीं करते थे, फिर भी उनके दांत लंबे समय तक मजबूत रहते थे. आधुनिक टूथपेस्ट में फ्लोराइड और केमिकल्स होते हैं, जो धीरे-धीरे दांतों को कमजोर कर सकते हैं. जबकि कोयला पूरी तरह से प्राकृतिक है और दांतों को बिना किसी नुकसान के साफ करता है.अगर आप भी अपने दांतों को मजबूत और चमकदार बनाना चाहते हैं, तो बाजार के केमिकल युक्त उत्पादों की बजाय कोयले से दांत साफ करने की इस पारंपरिक विधि को आजमा सकते हैं. यह न सिर्फ आपके दांतों को स्वस्थ बनाएगा, बल्कि दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी दूर करेगा.