बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया में एक ऐसी रसमलाई है, जिसका स्वाद चखने के बाद लोग इसके दीवाने हो जाते हैं. ₹35 प्रति पीस मिलने वाली यह रसमलाई हर दिन करीब 1,000 पीस बिकती है, यानी एक महीने में लगभग 30,000 पीस. यह मिठाई न सिर्फ स्थानीय लोगों की पसंद है, बल्कि आसपास के जिलों में भी इसकी मांग है. खास बात यह है कि इस रसमलाई का स्वाद पिछले 15 सालों में भी नहीं बदला है, और यह पूरी तरह से खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती है. आइए जानते हैं इस खास रसमलाई की कहानी.
दुकान के मालिक उमेश शाह बताते हैं, ‘यह दुकान 15 साल पुरानी है. हम रसमलाई में हल्दी, केसर, इलायची और शुद्ध गाय-भैंस के दूध का इस्तेमाल करते हैं. मिठाई की हर सामग्री पूरी तरह से प्राकृतिक होती है. बैरिया, रसड़ा, सिकंदरपुर, बक्सर, हल्दी, माल्देपुर, सागरपाली, बेल्थरा रोड सहित अन्य जिलों से लोग इसे खरीदने आते हैं.’कैसे बनती हैं ये रस मलाई…रसमलाई का जो तरल पदार्थ होता है वह शुद्ध गाय या भैंस का दूध होता है. दूध को इतना उबाल दिया जाता है कि वह आधा हो जाता है. अब इससे रसमलाई के रस्सा यानी रस के रूप में उपयोग किया जाता है. रसमलाई में जो गोल चिपटा मिठाई होती है वो हकीकत में छेना रहता है. इसे दूध को फाड़ कर बनाया जाता है. इस छेने को देर तक मिलाया जाता है. इसके बाद गोल-गोल आकार दिया जाता है. अब इसे चीनी के चासनी में देर तक पकाया जाता है. अंत में चीनी के चासनी से छान करके और दूध के रसाव में डाल दिया जाता है. इसके बाद यह लाजवाब स्वाद से भरपूर रसमलाई तैयार हो जाती है. इसके ऊपर तमाम ड्राई फ्रूट्स डाल दिए जाते हैं. यह रसमलाई ₹35 पर पीस है.
ये है सही एड्रेस…जनपद बलिया के रेलवे स्टेशन से लगभग 1 किलोमीटर दूर सतीश चंद्र कॉलेज चौराहे के ठीक बगल में कामधेनु स्वीट्स मिठाई की दुकान स्थित है. जहां आप भी आकर इस लाजवाब रसमलाई के स्वाद का लुफ्त उठा सकते हैं.