रायपुर (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में अब तक कुल 4 लोकसभा चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में दोनों ही प्रमुख दलों ने महिलाओं को टिकट सिर्फ फैक्टर और जातीय समीकरणों के आधार पर दिए। आधी आबादी का नेतृत्व करने वाली महिलाओं को आनुपातिक प्रतिनिधित्व भी नहीं मिल पाया। राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद छत्तीसगढ़ से भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों ने अब तक 8-8 महिलाओं को टिकट दिए, इनमें भाजपा की 6 महिलाएं संसद पहुंचने में कामयाब रही, वहीं कांग्रेस की महज 1 महिला को ही जीत नसीब हुई। इस बार भी भाजपा ने 3 तो कांग्रेस ने 2 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है।
महिला सशक्तिकरण की बात भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही करती हैं। आधी आबादी को उनका हक देने और दिलाने का वादा भी ये दल करते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इन दोनों पार्टियों ने अब तक कितनी महिलाओं को लोकसभा चुनाव में टिकट दिया। 1 नवंबर साल 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ। गठन के बाद से दोनों ही पार्टियों ने हार और जीत के फैक्टर, जातीय समीकरण के आधार पर ही टिकट महिलाओं को दिए। राज्य गठन के बाद से सभी पार्टियों के आंकड़ों को देखें तो अबतक 70 महिलाओं को पार्टियों ने टिकट दिया है। 70 महिलाओं में से सिर्फ 7 महिलाएं अपनी सीट जीतने में कामयाब रही। यूं कहें कि छत्तीसगढ़ से अब तक सिर्फ सात महिला सांसदों ने देश की संसद में छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद की है।
भाजपा का परफारमेंस कांग्रेस से बेहतर
छत्तीसगढ़ में महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों की अपेक्षा अधिक है। लगातार सियासी दल महिला वोटरों को साधने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते रहे हैं और अब भी जुटे हुए हैं। चुनाव में महिलाओं की भागीदारी की बात की जाए तो वह काफी कम नजर आती है। आंकड़ों और जानकारी के मुताबिक, भाजपा-कांग्रेस सहित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लगभग 70 महिलाओं ने लोकसभा का चुनाव लड़ा। चुनाव में 63 महिला उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। वहीं सात महिलाओं ने जीत हासिल की। पार्टी के हिसाब से बात करें तो बीजेपी की छह महिला प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। कांग्रेस की ओर से एक महिला उम्मीदवार ने जीत हासिल की। कांग्रेस की ओर से सिर्फ ज्योत्सना महंत ने कोरबा सीट से 2019 में जीत हासिल की। इसके अलावा कांग्रेस ने जितने भी महिला उम्मीदवार उतारे, उन सबकी जमानत जब्त हो गई।
पिछली दफा संसद पहुंची 2 महिलाएं
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो भाजपा ने दो सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारा था। इसमें सरगुजा और रायगढ़ की लोकसभा सीट शामिल थी। सरगुजा से भाजपा ने रेणुका सिंह को ओर रायगढ़ से गोमती साय को टिकट दिया था। दोनों ने जीत दर्ज की। हालांकि भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए सरोज पाण्डेय के रूप में एक सशक्त महिला को भी भेजा गया। लेकिन निर्वाचित महिला सांसदों के रूप में छत्तीसगढ़ से दो ही महिलाओं ने सदन में यहां का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि इस बार इन महिलाओं को रिपीट करने की बजाए नए चेहरों को तवज्जो दी गई। पिछली बार राज्यसभा में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाली सरोज पाण्डेय को इस बार भाजपा ने कोरबा संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। यहीं से कांग्रेस की ज्योत्सना महंत भी चुनाव लड़ रही हैं। जीते कोई भी, लेकिन एक महिला का संसद में पहुंचना तय है।
कांग्रेस ने 2 महिलाओं को उतारा, एक जीती
2019 के लोकसभा चुनाव की चर्चा करें तो कांग्रेस ने पिछले चुनाव में दो महिलाओं को टिकट दिया था। इनमें कोरबा से ज्योत्सना चरणदास महंत और दुर्ग से प्रतिमा चंद्राकर का नाम शामिल था। कोरबा से ज्योत्सना महंत ने जीत हासिल की थी, जबकि दुर्ग से प्रतिमा चंद्राकर बड़े अंतर से पराजित हो गई थी। कोरबा से भाजपा ने ज्योतिनंद दुबे को मैदान में उतारा था, जबकि दुर्ग से भाजपा के प्रत्याशी विजय बघेल थे। बघेल इस बार भी दुर्ग से भाजपा के उम्मीदवार हैं। गौरतलब है कि कोरबा क्षेत्र को महंत परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। वहीं कभी कांग्रेस का गढ़ रहे दुर्ग में भाजपा की सेंधमारी के बाद यहां कांग्रेस जीत को तरसती रही है। हालांकि 2014 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने जीत हासिल की थी। इस बार भी दुर्ग में जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते साहू समाज से प्रत्याशी उतारा गया है।
भाजपा-कांग्रेस से 5 महिलाएं मैदान में
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने कांग्रेस से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा की ओर से तीन सीटों पर महिला उम्मीदवारों को टिकट मिला है। बीजेपी ने महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी, कोरबा से सरोज पांडेय और जांजगीर-चांपा से कमलेश जांगड़े को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने दो महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इनमें कोरबा से ज्योत्सना महंत और सरगुजा से शशि सिंह का नाम शामिल है। वैसे, सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से जीतीं हैं। राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक हुए चार लोकसभा चुनाव में इस सीट से तीन महिला सांसद चुनी गई हैं। जांजगीर चांपा सीट पर लगातार भाजपा ने जीत हासिल की है। पिछली बार गुमराह अजगले को छोड़ दें तो यहां से करुणा शुक्ला एक बार और कमला पटेल दो बार भाजपा से जीत चुकी हैं।
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