मीडिया से चर्चा के दौरान एसपी ने बताई एनकाउंटर की पूरी कहानी, गुंडा बदमाशों को दी नसीहत
भिलाई। ग्लोब चौक सेक्टर-10 के पास बिना वजह दो युवकों पर गोली चलाने वाले अमित जोश को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। शुक्रवार शाम को जयंती स्टेडियम के पास पुलिस से मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई है। शनिवार को दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर-6 में प्रेसवार्ता लेकर मीडिया के साथ एनकाउंटर से जुड़ी सारी बातें शेयर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमित जोश के एनकाउंटर के साथ यह केस खत्म नहीं हुआ है। अभी इसमें कई और गिरफ्तारियां बाकी है।
एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि 25 व 26 जून को दो इनोसेंट लोगों को गोली मारकर अमित जोश फरार हुआ था। इसके बाद इसके बाद दुर्ग पुलिस ने ताबड़तोड़ कारवाई कर अमित जोश के करीबियों के साथ उसकी मां, जीजा लक्की जॉर्ज व बहन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यही नहीं अमित जोश के कब्जे वाले बीएसपी आवासों को खाली कराया गया। इसके बाद अमित जोश पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने अमित जोश की तलाश में अलग अलग टीमों को लगा रखा था।
साथ देने वाले सभी लोगों पर होगी कार्रवाई
एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि फरारी के दौरान अमित जोश का साथ देने वाले सभी लोगों पर पुलिस अब कार्रवाई करेगी। अमित जोश के एनकाउंटर के साथ यह केस खत्म हो गया है ऐसा मानना गलत है। एसपी शुक्ला ने कहा कि पिछले चार माह से अमित जोश अलग अलग जगह छिपकर पुलिस से बच रहा था। संभव है इस बीच उसकी मदद करने वाले भी रहे होंगे जिन्होंने छिपने में उसकी मदद की है। पुलिस अब अमित जोश की मदद करने वालों का पता लगाएगी और उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
जानिए क्या था पूरा मामला
आपको बताते चलें कि चार माह पहले विश्रामपुर निवासी रमनदीप सिंह अपने दोस्त सुनील यादव और आदित्य सिंह से मिलने भिलाई आया था। सुनील यादव टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी है। आदित्य सिंह उड़ान अकादमी में पीएससी की तैयारी कर रहा है। रमनदीप के आने की खुशी में तीनों ने पार्टी की। 25 व 26 जून की दरमियानी रात सभी बाइक से घूमने निकले थे। इसी दिन हिस्ट्रीशीटर अमित जोश का एनवर्सरी थी। देर रात 1-2 बजे के बीच पार्टी करने के बाद जोश और उसका एक साथी बाइक से घूमने निकले थे, जैसे ही ग्लोब चौक के आगे पहुंचे उन्हें रमनदीप सिंह, सुनील यादव और आदित्य सिंह दिखे। सभी नशे में थे और गाली-गलौज करने को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि, अमित जोश ने तीनों लड़कों पर तीन राउंड फायरिंग कर दी। इस हमले में सुनील यादव और आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
भिलाई दुर्ग में आने की सूचना मिली थी
एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि अमित जोश के दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में लुक छिप कर रहने की सूचना प्राप्त हो रही थी। जिसे देखते हुये 7 व 8 नवंबर को होटल, लॉज, ढाबा, रेल्वे स्टेशन की चेकिंग एवं नाकेबंदी के लिए सभी थाना चौकी को निर्देशित किया गया था। एसीसीयू की भी टीम को लगाया गया था। 8 नवंबर की शाम को सर्चिंग कर रही पुलिस टीम को अमित जोश जयंती स्टेडियम के पास दिखा। पुलिस को देखकर अमित जोश जयंती स्टेडियम के पास स्थित जंगल झाड़ियों की ओर भागने लगा। पुलिस की टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल इसकी सूचना दी।उप पुलिस अधीक्षक काईम हेम प्रकाश नायक एसीसीयू की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस गाड़ी को देखकर अमित जोश ने पुलिस के वाहन पर गोली चला दी। पुलिस व्दारा आत्मरक्षार्थ गोली चलाई गयी, जिससे मुठभेड़ में फरार आरोपी अमित जोश की मौत हो गयी। पुलिस व्दारा घटना में अपराध एवं मर्ग कायम कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। एफएसएल टीम को मौके पर बुलाकर विधिवत् निरीक्षण एवं जब्ती कार्रवाई की गयी है। एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट व्दारा पंचनामा कर, डाक्टरों की टीम से अमित जोश के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
35 से ज्यादा अपराध दर्ज थे अमित जोश पर
अमित जोश के खिलाफ जिले में 35 से अधिक अपराध दर्ज थे। अमित जोश 14 साल की उम्र से ही अपराध की दुनिया में आ गया था। अमित जोश पर मारपीट, गुंडागर्दी, हत्या, पिस्टल से फायर जैसे गंभीर मामले दर्ज है। गोली कांड के बाद से फरार अमित जोश पर पुलिस ने 40 हजार इनाम की घोषणा भी की थी। दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि गोलीकांड के बाद अमित जोश की लगातार पतासाजी की जा रही थी। एसपी शुक्ला ने बताया कि पुलिस अमित जोश को जिंदा पकड़ना चाहती थी इसलिए हमारी टीम ने उसे चेतावनी दी इसके बाद भी वह नहीं माना। इसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर में अमित जोश को ढेर कर दिया। एसपी शुक्ला ने बताया कि इनाम की राशि को एनकाउंटर में शामिल पूरी टीम को दी जाएगी।
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