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तालाब पर बना लिए घर, जब आया बुलडोजर, तो लोग पूछ रहे-‘पहले कहां था प्रशासन’

राजस्थान में अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई. भीलवाडा- अजमेर रोड़ पर बसे रायला कस्बे में सुबह से लेकर शाम तक हड़कम्प मचा रहा. रायला के धर्म तालाब में अवैध रूप से किए गए निर्माण को लेकर NGT (National Green Tribunal) की सख्ती के बाद प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ धर्म तालाब में पहुंची.

धर्म तालाब में बने मकानों को हटाने के लिए प्रशासन ने 10 बजे तक का समय दिया था. ऐसे में आसपास के ग्रामीण, मकान मालिकों के रिश्तेदार सहित कई लोग मकानों के बाहर घंटो टेंट लगाकर कर बैठे रहें. भारी पुलिस बल की तैनाती में तालाब में अतिक्रमण कर बनाई गई करीब आधा किलोमीटर सड़क को जेसीबी की मदद से तोड़ा गया.

धर्म तालाब के बीच हो रहा अतिक्रमण

NGT कोट के निर्देशन में गुरुवार को रायला पूरी तरह छावनी में तब्दील हो गया. शाहपुरा जिला प्रशासन की मौजूदगी में बुलडोजर चलाया गया. अखिल भारतीय खटीक समाज जिला अध्यक्ष शैलेन्द्र डिडवानिया ने जानकारी देते हुए कहा कि तालाब के बीच बने पक्के भूखंड को भी गुरुवार को तोड़ने की बात कही जा रही है. समाज के लोगों ने एकजुट होकर अपने आशियानों को नहीं तोड़ने की गुहार भी लगाई है.

बनेड़ा उपखंड अधिकारी श्रीकांत व्यास ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि धर्मतालाब के बीच हो रहे अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटाया जाएगा. धर्मतालाब के बीच बनें करोड़ों रुपये के पक्के मकान को राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से 29 जुलाई तक नहीं हटाने के आदेश पारित हुए हैं. 22 जुलाई को पेशी होना बताया गया है जिसमे पालना रिपोर्ट पेश की जाएगी. धर्मतालाब लगातार काफी समय से सुर्खियों में आ रहा था. अवैध रूप से हुए अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए आदेश भी पारित किए है.

सरपंच लगा 2 करोड़ का जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल ने धर्म तालाब में अतिक्रमण को लेकर रायला ग्राम पंचायत पर नाराजगी जता चुका हैं. साथ ही तत्कालीन सरपंच और उनके पति पर जुर्माना आदेश भी पारित किए थे. रायला सरपंच गीतादेवी जाट और सरपंच पति जगदीश प्रसाद जाट को दोषी मानते हुए 2 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि 2 माह में वसूल कर तालाब में किए गए. अतिक्रमण को हटाकर पहले जैसी स्थिति में लाने का आदेश भी दिया. कोर्ट ने 24 जुलाई 2023 को वसूली के आदेश जारी किए थे.धर्मतालाब में अतिक्रमण होने के कारण पानी की आवक पूरी तरह रुक गई. अगर अतिक्रमण मुक्त होता है तो पानी की समस्याओं से काफी निजात मिलेगी.

लोगों ने उठाए प्रशासन पर सवाल

जिन्होंने मकान बनाए है उनका कहना है कि जब हम मकान बनाए तब पट्टा और रजिस्ट्री की, तब प्रशासन कहा गया था. अब नोटिस मिला है और अतिक्रमण कर रखा है तो बैंक ने होम लोन क्यों दिया है? प्रशासन दोनों ओर क्यों है? अगर पट्टा रजिस्ट्री नहीं मिलती तो हम मकान नहीं बनाते.

पट्टा रजिस्ट्री मिलने के बाद तो खुद की संपति होती है तो इसमें किसकी गलती है, जिसकी गलती हो उनको सजा मिलनी चाहिए. लोग अपने मकान बचाने के लिए प्रशासन से बार-बार यही अपील कर रहे हैं की हम दोषी नहीं है, हमने ये मकान मेहनत से बनाया है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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