हर माह के कृष्ण और शुक्ल की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। साथ ही इस दिन संध्याकाल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही जीवन के संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जप करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे जातक का जीवन सदैव खुशहाल रहता है। साथ ही सभी मनोकामनएं पूरी होंगी। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे प्रदोष व्रत पूजा मंत्र के बारे में, जिनका जप करना जीवन के लिए फलदायी होगा।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रोदाशी तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 19 जून को मनाया जाएगा।
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