धर्म

प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को इस तरह करें प्रसन्न, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

हर माह के कृष्ण और शुक्ल की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। साथ ही इस दिन संध्याकाल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही जीवन के संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जप करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे जातक का जीवन सदैव खुशहाल रहता है। साथ ही सभी मनोकामनएं पूरी होंगी। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे प्रदोष व्रत पूजा मंत्र के बारे में, जिनका जप करना जीवन के लिए फलदायी होगा।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार,  ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की  त्रोदाशी तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 19 जून को मनाया जाएगा।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं।  जगन्नाथ डॉट कॉम यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। जगन्नाथ डॉट कॉम  अंधविश्वास के खिलाफ है

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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