धर्म

100 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग, गंगा स्नान से मिलेगा दोगुना पुण्य-लाभ; ऐसे करें पूजा-अर्चना

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. यह दिन पापों से मुक्ति और मोक्ष के साथ पितरों को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन ही मां गंगा का स्वर्ग-लोक से पृथ्वी-लोक पर आगमन हुआ था. इस साल गंगा दशहरा का पर्व 16 जून को मनाया जाएगा. इस अवसर पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे दोगुना पुण्य-लाभ होगा. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक करीब 100 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है.काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि 16 जून (रविवार) को इस बार गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. इस अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही अमृत योग और रवि योग का अद्भुत संगम होने जा रहा है. इस दिन हस्त नक्षत्र भी है, जो इसे और खास बनाएगा. चार शुभ संयोग में गंगा दशहरा पर गंगा पूजन और स्नान से सभी मनोकामनाओं की सिद्धि होगी.शुभ संयोग
पंचांग के अनुसार, इस दिन सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग होगा. इसके अलावा पूरे दिन रवि योग का शुभ संयोग रहेगा

 

 

गंगा स्नान से मिलेगी हर तरह के पाप से मुक्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान से शारीरिक-मानसिक और वाचिक तीनों तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. संजय उपाध्याय के मुताबिक, ‘इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मन और मस्तिष्क को एकाग्र कर गंगा स्नान करना चाहिए. इस दौरान गंगा मैया से पितरों के मोक्ष और शांति की कामना करनी चाहिए. जाने-अनजाने में खुद से हुए पापों के मुक्ति की प्रार्थना भी करनी चाहिए. ऐसा करने से गंगा मैया का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होता है.Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का  जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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