रायपुर। छत्तीसगढ़ में समाज कल्याण विभाग की योजनाएं कई जीवनों में नई रोशनी ला रही हैं। इसी क्रम में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के लालपुर पंचायत के ग्राम मंदपुर के निवासी दिव्यांग गणेश की कहानी प्रेरणा का स्रोत बनकर उभर रही है। गणेश उन युवाओं में से हैं, जिन्होंने परिस्थितियों से समझौता करने के बजाय अपनी राह खुद बनाई और साबित किया कि दृढ़ संकल्प के आगे हर कठिनाई छोटी पड़ जाती है।
जन्म से ही दिव्यांग होने के बावजूद गणेश ने कभी हार नहीं मानी। अपनी पढ़ाई और स्वयं के विकास को जारी रखते हुए वे लगातार यह प्रयास करते रहे कि उनकी शारीरिक स्थिति उनके सपनों की गति को धीमा न कर सके। गतिशीलता की जरूरत को महसूस करते हुए वे लंबे समय से सहायक उपकरण की व्यवस्था में जुटे थे। इसी दौरान उन्हें समाज कल्याण विभाग की निःशुल्क सहायक उपकरण वितरण योजना की जानकारी मिली।
जानकारी मिलते ही गणेश ने विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया और आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कर ट्रायसायकल प्राप्त कर ली। ट्रायसायकल मिलने के बाद उनके जीवन की गति जैसे बदल गई। अब वे आसानी से अपने दैनिक कार्यों के लिए आवागमन कर पाते हैं। इससे उनके आत्मविश्वास में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
वर्तमान में गणेश एक निजी होटल में टैली ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहे हैं और साथ ही अपनी शिक्षा भी पूरी कर रहे हैं। उनका लक्ष्य एक कुशल, सक्षम और आत्मनिर्भर व्यक्ति के रूप में समाज में अपनी पहचान बनाना है। गणेश का कहना है कि सरकारी योजनाओं से उन्हें नई राह मिली है और अब वे अपने सपनों को साकार करने की दिशा में और अधिक दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।
गणेश की यह कहानी राज्य के हजारों दिव्यांगजनों के लिए प्रेरणा है, जो साबित करती है कि सही सहयोग, मजबूत इच्छाशक्ति और सरकारी योजनाओं की पहुंच मिल जाए तो जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
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