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पूरे गांव ने पढ़ने से रोका, पर दादा बोले – तू पढ़ मैं देख लूंगा… दिया सबको मुंहतोड़ जवाब, पहली बार में बनीं IAS अफसर

हर साल भारत में लाखों उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं. इसके लिए उम्मीदवारों को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है, जिसे देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. इसमें सफलता पाना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं. कई बार उम्मीदवार सालों की मेहनत के बाद भी सफलता नहीं पा पाते, लेकिन बिहार की रहने वाली प्रिया रानी ने अपनी लगन और अनुशासन से पहली ही कोशिश में इस परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस का पद प्राप्त कर लिया.

छोटे से गांव से बड़ी उड़ान

प्रिया रानी बिहार के पटना जिले के फुलवारी शरीफ के कुरकुरी गांव की रहने वाली हैं. उनका बचपन एक साधारण परिवार में बीता, जहां लड़कियों की पढ़ाई को लेकर रूढ़िवादी सोच थी. गांव के कई लोग मानते थे कि लड़कियों को ज्यादा पढ़ाई की जरूरत नहीं होती, लेकिन प्रिया के दादाजी ने इन धारणाओं को तोड़ते हुए उनकी शिक्षा का पूरा जिम्मा उठाया. उन्होंने प्रिया को बेहतर शिक्षा के लिए पटना भेजा, जहां वह किराए के छोटे कमरे में रहकर पढ़ाई करती थीं.

कॉर्पोरेट करियर छोड़ पकड़ी UPSC की राह

प्रिया शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं. उन्होंने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS), रांची से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में BTech किया. पढ़ाई के बाद उन्हें बेंगलुरु की एक प्रतिष्ठित प्राइवेट कंपनी में नौकरी मिल गई, जहां उन्हें अच्छी सैलरी भी मिल रही थी. लेकिन उनके दिल में देश की सेवा करने का सपना पनप रहा था. इसी सोच के साथ उन्होंने अपने करियर की सिक्योर जॉब छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. हालांकि, यह फैसला आसान नहीं था. परिवार और आसपास के लोग इस निर्णय से खुश नहीं थे, लेकिन प्रिया ने दृढ़ निश्चय के साथ अपने सपने को प्राथमिकता दी.

अनुशासन बना सफलता की कुंजी

प्रिया रानी की दिनचर्या बेहद अनुशासित थी. वह हर दिन सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई शुरू करती थीं और दिन के अधिकतर घंटे तैयारी में लगाती थीं. उन्होंने NCERT की किताबों, अखबारों और सरकारी रिपोर्टों को अपनी तैयारी का आधार बनाया. उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट इकोनॉमिक्स (Economics) था, जिस पर उन्होंने विशेष ध्यान दिया. प्रिया का मानना है कि शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है, और मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता. उन्होंने हर दिन छोटे-छोटे लक्ष्य तय किए और उन्हें पूरा करते हुए धीरे-धीरे अपने सपने के करीब पहुंचती गईं.

पहले प्रयास में बन गईं IAS

अपनी पहली ही कोशिश में प्रिया रानी ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में ऑल इंडिया रैंक 69 हासिल की. उन्हें IAS कैडर मिला, जो हर उम्मीदवार का सपना होता है. उनकी इस उपलब्धि ने न सिर्फ उनके परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया, बल्कि पूरे गांव और बिहार के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गईं.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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