भिलाई। 17वां आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत 30 अक्टूबर 2025 को जिला कांकेर, छत्तीसगढ़ के अति दुर्गम एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से 40 आदिवासी युवक एवं युवतियों के तीसरे और चौथे जत्थे को रायपुर रेलवे स्टेशन से देहरादून (उत्तराखंड) एवं चंडीगढ़ के लिए रवाना किया गया। दोनों जत्थों में 20-20 आदिवासी युवा (10 पुरुष एवं 10 महिला) शामिल हैं। ये दोनों जत्थे देहरादून (उत्तराखंड) और चंडीगढ़ में भारत के विभिन्न राज्यों से आए अन्य आदिवासी युवाओं से मिलकर देश के विविध सांस्कृतिक परिवेश से रूबरू होंगे।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत आदिवासी युवक एवं युवतियों को अन्य राज्यों से भाग लेने वाले युवक-युवतियों के बीच मेल-मिलाप का अवसर मिलेगा, जिससे वे एक-दूसरे के खान-पान, रहन-सहन, सांस्कृतिक गतिविधियों एवं पारंपरिक वेशभूषा से परिचित होंगे। इस कार्यक्रम में अन्य राज्यों के स्थानीय लोक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। साथ ही देहरादून (उत्तराखंड) और चंडीगढ़ के प्रसिद्ध, दर्शनीय एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
यह 17वां आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। प्रत्येक आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की अवधि 07 दिन की होती है। छत्तीसगढ़ के कांकेर और नारायणपुर जिलों में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बी०एस०एफ०) के नक्सल प्रभावित इलाकों से इस वर्ष कुल 25 भ्रमण कार्यक्रमों के अंतर्गत 18 से 22 वर्ष आयु वर्ग के 650 चयनित युवा भाग ले रहे हैं।

इस आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियों में उच्च अधिकारियों एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ संवाद सत्र, पैनल चर्चा, व्याख्यान सत्र, भाषण प्रतियोगिता, करियर संबंधी मार्गदर्शन आदि विषयों पर जानकारी प्राप्त करना शामिल है। इसके अलावा प्रतिभागी देहरादून (उत्तराखंड) और चंडीगढ़ के उद्योगों एवं सुरक्षा बलों के कैंपों का भी भ्रमण करेंगे।
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