मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई के साथ ही गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. तापमान में गिरावट के साथ जहां लोग गर्म कपड़े निकालने लगे हैं, वहीं वन विभाग और विशेषज्ञ अब एक नए खतरे को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं. दरअसल, इस समय जहरीले कोबरा और करैत जैसे सांपों से ज्यादा खतरा अब विशालकाय अजगर से है. मानसून में जहां जहरीले सांप खेतों और घरों के आस-पास निकलते थे, अब सर्द मौसम में अजगर धूप सेंकने के लिए खुली जगहों, यहां तक कि रिहायशी इलाकों तक पहुंचने लगे हैं.
क्यों ठंड में निकलते हैं अजगर?
अजगर ठंडे खून वाले जीव होते हैं. ऐसे जीव अपने शरीर का तापमान बाहरी वातावरण के अनुसार नियंत्रित नहीं कर पाते. इसलिए जैसे ही सर्दी शुरू होती है, वे किसी गर्म स्थान की तलाश में निकल पड़ते हैं. दिन के समय धूप वाले इलाकों में ये सड़क किनारे, खेतों के मेड़ों, यहां तक कि मकानों की छतों या खुले आंगनों में भी दिखाई दे जाते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के मौसम में अजगर सुप्तावस्था में जाने से पहले अपने शरीर को गर्म करने के लिए कई घंटे तक धूप में पड़े रहते हैं.
खंडवा और आसपास के इलाकों में बढ़ी सक्रियता
खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन और हरदा, देवास, जैसे जिले, जो ‘सर्पलोक’ के नाम से भी जाने जाते हैं, वहां अजगरों की संख्या ज्यादा पाई जाती है. इन क्षेत्रों में खेतों, पहाड़ियों और जंगलों में इनका बसेरा होता है. जैसे ही तापमान गिरने लगता है, ये सांप पानी के स्रोतों या बिलों से निकलकर धूप वाले स्थानों की ओर बढ़ते हैं. कई बार ग्रामीण इलाकों में लोग खेतों में काम करते समय या सड़क किनारे धूप में बैठे अजगरों को देख डर जाते हैं.
खतरा क्यों बढ़ जाता है?
अजगर आमतौर पर जहरीले नहीं होते, लेकिन उनका आकार और ताकत इतनी होती है कि वे किसी भी छोटे जानवर या पालतू पशु को दबोच सकते हैं. कई बार मुर्गियां, बकरियां या छोटे पालतू कुत्ते तक इनकी शिकार सूची में शामिल हो जाते हैं. सबसे बड़ा खतरा तब होता है जब अजगर गलती से घरों या स्कूलों के पास पहुंच जाते हैं. लोग घबरा कर पत्थर मारने लगते हैं, जिससे सांप भी हमला करने की कोशिश करता है. ऐसे मामलों में घायल सांप और इंसान दोनों को नुकसान पहुंचता है.
क्या करें अगर अजगर दिख जाए
वन विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कभी अजगर या कोई भी सांप दिखाई दे, तो उसे मारने या भगाने की कोशिश न करें, तुरंत वन विभाग की सर्प रेस्क्यू टीम या स्थानीय वन कर्मियों को सूचित करें. वे प्रशिक्षित होते हैं और सुरक्षित तरीके से सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ देते हैं. अगर आप गांव या खेतों में रहते हैं, तो ध्यान रखें कि आसपास झाड़ियां ज्यादा न बढ़ने दें और मवेशियों को खुले में रातभर न छोड़ें. घर के आसपास के बिल, पाइप या पुराने टायर जैसी जगहों को नियमित साफ करें, क्योंकि वहीं ये जीव छिपना पसंद करते हैं.डरावने दिखने के बावजूद अजगर पर्यावरण के लिए बेहद उपयोगी जीव हैं। वे खेतों में पाए जाने वाले चूहे, खरगोश और अन्य छोटे जीवों का शिकार करते हैं, जिससे फसलों को होने वाले नुकसान में कमी आती है. यह पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए इन्हें मारने के बजाय सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ना जरूरी है.





