वैज्ञानिकौों ने स्पेन में 12 घोंसलों की खोज की है जहां कभी गिपेटस बार्बेटस या दाढ़ी वाले गिद्ध रहते थे. ये बड़े गिद्ध हड्डी खाने वाले शिकारी पक्षी थे जो 100 साल पहले इस इलाके से गायब हो गए थे. बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के एंटोनी मार्गलिडा के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन, जो इकोलॉजी पत्रिका में छपा है, से पता चलता है कि इन पक्षियों ने अनजाने में इंसानों द्वारा छोड़ी गई ऐतिहासिक चीजों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा. वैज्ञानिकों ने 2008 से 2014 के बीच इन घोंसलों की जांच की.जांच में क्या सामने आया?
वैज्ञानिकों की टीम ने 18वीं सदी के पुराने लेखों और बुज़ुर्ग स्थानीय लोगों से बात करके 50 ऐतिहासिक घोंसलों की जगहें पहचानीं. शोधकर्ताओं ने खुदाई के खास तरीकों का इस्तेमाल करके इनमें से एक दर्जन घोंसलों का परत-दर-परत विश्लेषण किया. इस रिसर्च से पता चला कि ये गिद्ध अंजाने में पुरानी इंसानी चीजों को उठाकर लाए और उसके संरक्षक बन गए.घोंसलों के अंदर क्या-क्या था?
इन पुरानी चीजों में एस्पार्टो घास की रस्सी से बुनी हुई एक पूरी चप्पल भी थी. जांच से पता चला कि यह लगभग 674 साल पुरानी थी. इस तरह के मोटे और जल्दी खराब हो जाने वाले जूते जिन्हें अगोबिया कहते थे, मध्यकाल में भूमध्यसागरीय कारीगरी की खास पहचान थे. एक घोंसले में 18वीं शताब्दी के अंत की टोकरी का एक टुकड़ा भी मिला जिससे पता चलता है कि गिद्ध अलग-अलग समय की चीजों को दोबारा इस्तेमाल करते थे.कैसे बने थे ये घोंसले?
गिद्धों ने घोंसले बनाने के लिए जो जगहें चुनीं उसने इन पुरानी चीजों को सुरक्षित रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. ये पक्षी चट्टानों के किनारों पर बनी गुफाओं और चट्टानी आश्रयों को पसंद करते थे जहां मौसम में कम से कम बदलाव होता था. इससे घास चमड़ा और हड्डियां जैसी नाजुक चीजें सदियों तक बिना सड़े-गले रहीं क्योंकि वहां नमी कम थी और तापमान स्थिर था. इस खोज से वैज्ञानिकों को क्या फायदा हुआ?
यह अध्ययन पुरातत्वविदों पर्यावरण वैज्ञानिकों और इतिहासकारों के बीच मिलकर काम करने के नए मौके भी दिखाता है. यूरोप में दाढ़ी वाले गिद्ध अब गंभीर रूप से खतरे में हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ 309 प्रजनन जोड़े ही बचे हैं.
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