मंगलवार को जब काठमांडू में हर बड़े सरकारी प्रतिष्ठान को आग के हवाले किया गया, तब ऐसा लग रहा था कि नेपाल एक बार फिर से राजशाही की ओर बढ़ रहा है.
किशोर नेपाल दावा करते हैं कि उस दिन सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति पौडेल से पद छोड़ना को कहा था, लेकिन कुछ जानकार ये भी कहते हैं कि सेना प्रमुख और राष्ट्रपति ने मिलकर हालात संभाले हैं.