छत्तीसगढ़

एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना होगा जरूरी, बायोमेट्रिक प्रणाली से होगी खरीदी

धान उपार्जन के लिए कृषक पंजीयन 31 अक्टूबर तक अनिवार्य

एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना होगा जरूरी, बायोमेट्रिक प्रणाली से होगी खरीदी

कवर्धा,  सितम्बर 2025। राज्य शासन द्वारा आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए कृषक पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 तक निर्धारित की गई है। नवीन कृषकों का पंजीयन एकीकृत किसान पोर्टल के साथ-साथ भारत सरकार के एग्रीस्टेक पोर्टल में भी किया जाना आवश्यक है। एकीकृत किसान पोर्टल में पूर्व वर्ष के पंजीकृत कृषकों का पंजीयन कैरी फारवर्ड व संशोधन से पूर्व समस्त कृषकों का एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने सभी समितियों एवं विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कृषक पंजीयन कार्य को प्राथमिकता से पूरा कराएं तथा प्रत्येक कृषक को निर्धारित समय-सीमा में पंजीयन के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी कृषक को धान विक्रय से वंचित न रहने दिया जाए, इसके लिए पंजीयन प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिले के समस्त कृषकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान विक्रय के लिए अनिवार्य रूप से 31 अक्टूबर 2025 तक पंजीयन करा लें।
जिला खाद्य अधिकारी श्री सचिन मरकाम ने जानकारी दी कि गत खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में जिले के 1,29,500 कृषकों का पंजीयन किया गया था, जिनमें से अब तक 26,631 कृषकों का पंजीयन कैरी फारवर्ड तथा 128 नवीन कृषकों का पंजीयन किया जा चुका है। कृषक समिति में जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता, पट्टा, बी-1 तथा मोबाईल नंबर आवश्यक है। सह-खातेदार होने की स्थिति में कृषक को शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन की प्रक्रिया कृषक स्वयं, लोक सेवा केंद्र, समिति अथवा पटवारी के माध्यम से भी कर सकते हैं। वहीं, पूर्व पंजीकृत कृषक कैरी फारवर्ड हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन एवं दस्तावेजों के साथ समिति में संपर्क कर सकते हैं।
आगामी वर्ष में धान खरीदी प्रक्रिया बायोमेट्रिक आधारित प्रणाली से संचालित होगी, जिसकी शुरुआत संभावित रूप से 01 नवम्बर 2025 से होगी। धान विक्रय करने के इच्छुक कृषकों के लिए पंजीयन कराना अनिवार्य रहेगा।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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