शिक्षा और स्वास्थ

10 सेकंड में निकलेगा कान का पीला मैल, Apollo डॉ. ने बताए 3 उपाय, बढ़ेगी सुनने की क्षमता

कान का मैल यानी ईयरवैक्स को मेडिकल भाषा में सेरुमेन (Cerumen) भी कहा जाता है। यह कान के अंदर बनने वाला एक नेचुरल पदार्थ है। यह हल्का पीला या भूरा रंग का, चिपचिपा और मोम जैसा होता है। यह मैल हमारे बाहरी कान की छोटी-छोटी ग्रंथियों द्वारा बनता है। कान का मैल कोई गंदगी नहीं है, बल्कि यह कान की सुरक्षा और सफाई के लिए बेहद जरूरी होता है।कान के मैल के कई फायदे हैं जैसे यह कान की रक्षा करता है, यह धूल, मिट्टी, छोटे कीड़े-मकोड़े और बैक्टीरिया को कान के अंदर जाने से रोकता है। कान को नम बनाए रखता है। किया बार यह धीरे-धीरे खुद निकलता रहता है जिससे कान की धूल और गंदगी भी बाहर निकल जाती है।कान का मैल के नुकसान? ईयरवैक्स तब खतरनाक बनता है जब यह ज्यादा मात्रा में जमा हो जाता है या बहुत कठोर हो जाता है। इसके नुकसान यह हैं कि इससे कान बंद हो सकते हैं, ज्यादा मैल कान की नली को ब्लॉक कर देता है। इससे सुनने की क्षमता कम या बंद हो सकती है। यह दर्द और दबाव का कारण बन सकता है। डॉ. मोहम्मद नसीरुद्दीन, वरिष्ठ ईएनटी और सिर एवं गर्दन सर्जन, अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल, कोंडापुर ( ref)आपको कान का मैल निकालने के उपाय बता रहे हैं।

 

कान की सफाई कई तरीकों से की जाती है। पहला तरीका है एंडोस्कोपिक क्लीयरेंस टेक्निक। इसमें कान के अंदर एक एंडोस्कोपिक कैमरा डाला जाता है। इस कैमरे की मदद से स्क्रीन पर कान के अंदर की पूरी कैविटी (जगह) दिखाई देती है और फिर एक छोटा-सा उपकरण डालकर कान में जमा मैल या तरल बाहर निकाला जाता है।अगर कान का मैल बहुत सख्त हो, तो मरीज को वैक्स सॉफ्टनर ड्रॉप्स यानी मैल को नरम करने वाली बूंदें दी जाती हैं। अगर मैल सख्त है, तो इन बूंदों का इस्तेमाल कुछ दिन तक करना पड़ता है। अगर मैल नरम है, तो मरीज को 3 से 5 दिन में बुलाकर आगे की सफाई की जाती है।कान का मैल साफ करने का एक तरीका ईयर वॉश या ईयर सिरिंजिंग है। यह सबसे आम और सुरक्षित तकनीक है। इसमें शरीर के तापमान के बराबर गरम किया हुआ नॉर्मल सलाइन यानी पानी-नमक का घोल कान में धीरे-धीरे डाला जाता है। इससे गंदगी और मैल आसानी से बाहर आ जाते हैं। यह कान के पर्दे यानी ईयरड्रम को कोई नुकसान या चोट नहीं पहुंचाता। ENT डॉक्टर इस तकनीक का इस्तेमाल बहुत समय से करते आ रहे हैं।डॉक्टर ने बताया कि कान साफ करने के लिए ईयरबड्स या क्यू-टिप्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर कान में समस्या है, सुनाई देने में प्रॉब्लम है, या कोई परेशानी समझ नहीं आ रही है, तो तुरंत ENT विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

बेशक थोड़ी मात्रा में कान का मैल जरूरी है लेकिन अगर यह ज्यादा है और बहुत कठोर है तो आपको कई परेशानी हो सकती हैं। यह आपके कानों को बंद कर सकता है, अधिक मैल कान की नली को ब्लॉक कर देता है। इतन ही नहीं, इससे सुनने की क्षमता कम या बंद हो सकती है, कुछ लोगों को कान में भिनभिनाहट या घंटी बजने जैसी आवाज सुनाई देती है।

कभी-कभी ज्यादा मैल कान के संतुलन पर असर डाल सकता है जिससे आपको चक्कर आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। अगर मैल बहुत जमा हो जाए, तो कान में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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