नई दिल्ली:
दक्षिण भारतीय सिनेमा हो या हिंदी सिनेमा, एक ऐसा अभिनेता जिसकी दहाड़ ने दर्शकों को कुर्सी पर ठिठक जाने पर मजबूर कर दिया. एक ऐसा अभिनेता, जिसको गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भारतीय फिल्म उद्योग में अभिनेता/नर्तक श्रेणी में सबसे सफल फिल्म स्टार के रूप में सम्मानित किया. जिनके पांव की थिरकन के साथ दर्शक दीर्घा में खड़े या फिर सिनेमा हॉल में पर्दे पर उनको देख रहे दर्शक खुद थिरकने लगते थे. लेकिन, जब इस अभिनेता ने राजनीतिक जमीन पर अपने पांव जमाने और जनता को थिरकाने की कोशिश की तो उनको आशातीत सफलता हासिल नहीं हो पाई. मतलब सिनेमा के पर्दे के मेगास्टार राजनीति की पिच पर कमाल नहीं कर पाए. लेकिन, राजनीति में उनके पदार्पण ने एक समय पर क्षेत्रीय दलों की पेशानी पर चिंता की लकीरें जरूर खींच दी थी. हम बात कर रहे हैं साउथ सिनेमा के मेगास्टार चिरंजीवी की, जिन्होंने आंध्र प्रदेश की जमीन को अपनी राजनीतिक जन्मभूमि बनाई और ‘प्रजा राज्यम पार्टी’ (पीआरपी) की स्थापना की थी.
‘मेगास्टार चिरंजीवी’, जिनका वास्तविक नाम कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद है, यह भी उनके चाहने वाले शायद ही जानते होंगे. सबसे सफल भारतीय सितारों में से एक चिरंजीवी ने सालों से हिंदी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ सिनेमा के पर्दे को अपनी कला से रोशन किया है. साल 1978 में ‘पुनाधिरल्लू’ से एक अभिनेता के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता चिरंजीवी को ‘रघुपति वेंकैया’ पुरस्कार, जो आंध्र प्रदेश में शीर्ष फिल्म सम्मान है, से पुरस्कृत किया जा चुका है. उनके पास तीन नंदी अवॉर्ड, नौ फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ और एक लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी है. साल 2006 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया.
चिरंजीवी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाइए कि उनकी फिल्म ‘कोडामा सिम्हम’ (1990) अंग्रेजी भाषा में डब होने वाली पहली दक्षिण भारतीय फिल्म बनी, वहीं ऑस्कर पुरस्कार समारोह के लिए आमंत्रण पाने वाले चिरंजीवी पहले दक्षिण भारतीय अभिनेता थे. उन्होंने 45 साल के सिनेमाई करियर में 156 फिल्में कीं, जिसमें 537 गाने और 24,000 से ज्यादा डांस मूव्स की वजह से उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की तरफ से सम्मानित किया गया. उनका सिनेमाई सफर पर्दे पर आज भी जारी है.